नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी
कैल्शियम एक ऐसा minerals है जो हर व्यक्ति के लिए जरूरी होता है। और खास कर बच्चों की physical growth के कैल्शियम बहुत जरूरी होता है। बच्चों के सम्पूर्ण विकास में कैल्शियम अहम भूमिका निभाता है। लेकिन कई बार नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी पाई जाती है जो एक गंभीर समस्या हो सकती है। इस आर्टिकल में हम नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी के कारणों को जानेंगे। साथ ही बच्चों में कैल्शियम की कमी के लक्षण भी जानेंगे इस के साथ ही बच्चों में कैल्शियम की कमी दूर करने के उपाय की भी समीक्षा इस आर्टिकल में करेंगे।
नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी की समस्या।
आमतौर पर नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी की यह समस्या शिशु के जन्म के पूर्व से भी हो सकती है। Pregnency के दौरान यदि मां में कैल्शियम की कमी है तो यकीनन होनेवाले नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी देखी जा सकती है। शिशु जब मां का दूध पीता है तब भी यदि मां में कैल्शियम की कमी हो तब भी नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी हो सकती है। इसलिए हर मां को चाहिए वह pregnency के दौरान कैल्शियम युक्त आहार लें।
अगर बच्चों में कैल्शियम की कमी हो जाए तो उनके शारीरिक विकास पर इसका गहरा असर पड़ता है। नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी की समस्या आम हो सकती है। जैसे बच्चा ठीक से मां का दूध ना पिता हो। या दूध पिलाने के बाद बच्चे को अच्छेसे डकार ना दिलाई हो तो बच्चा बार बार उल्टी कर देता है जिस के कारण भी बच्चे का पेट नहीं भर पाता।
बच्चों के लिए कैल्शियम क्यों आवश्यक है?
कैल्शियम हमारे शरीर के लिए सब से महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है। जो हमारे nervous system ( तंत्रिका तंत्र) और हमारे heart (हृदय) के लिए भी सब से जरूरी होता है। कैल्शियम हमारे Muscles को भी ठीक से काम करने में काफी help करता है। और हमारे हड्डियों के लिए भी कैल्शियम बहुत ही जरूरी होता है। हड्डियों को विकसित करने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है।
किसी भी शिशु का पहला वर्ष उसके physical growth के लिए महत्वपूर्ण होता है। बच्चों के body mass बढ़ाने और weight gain करने के लिए कैल्शियम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बच्चों को कितने कैल्शियम की जरूरत होती है।
नीचे दिखाएं गए table में बताया गया है कि कितने उम्र के बच्चों को कितने कैल्शियम की जरूरत होती है।
अनु.क्र. | बच्चे की उम्र | कैल्शियम की मात्रा (प्रतिदिन) |
---|---|---|
1. | 0 - 6 month | 200 MG |
2. | 6 month - 1 year | 260 MG |
3. | 1 - 3 years | 700 MG |
4. | 3 - 8 years | 1000 MG |
नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी
बच्चों में कैल्शियम की कमी के कारण
बच्चों तथा नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी के अलग अलग कारण हो सकते है। जिस की ओर यदि ध्यान ना दिया जाएं तो बच्चों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी के कारणों को जानते है जिस से हमें पता चल सकें निम्न कारणों से नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी पाई जाती है।
- अगर pregnancy के दौरान मां को उचित और पर्याप्त आहार नहीं मिल पाता और उस वजह से मां के शरीर में कैल्शियम की मात्रा कम है तो यह बात नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी का कारण हो सकती हैं।
- अगर जन्म के वक्त शिशु को Oxygen की कमी हो तो भी शिशु में कैल्शियम की मात्रा normal से कम होती है।
- यदि pregnancyके दौरान मां को diabetes की समस्या हो तो यह भी कैल्शियम के कमी का एक कारण हो सकता है।
- गाय के दूध में Phosphorus की मात्रा अधिक होती है। जो 6 माह के कम उम्र के बच्चे को digest नहीं हो पाता। यह भी एक कारण calcium की कमी का हो सकता है। ( 1 साल के कम उम्र के बच्चों को गाय का दूध ना दें।)
- यदि आप के बच्चे में विटामिन डी की कमी पाई जाती है तो उस से भी बच्चे के शरीर में कैल्शियम की कमी आ सकती है।
बच्चों में कैल्शियम कमी के लक्षण
अगर हमारे बच्चे या नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी है तो हम उसे किस तरह से पहचान पाएंगे ता जान पाएंगे की हमारे बच्चों में कैल्शियम की कमी है? यह सवाल अब कई parents के मन में आ रहा होगा। और यह स्वाभाविक भी है। हम बच्चों के कुछ लक्षणों से बच्चों ने कैल्शियम की कमी को जान सकते है। उस के लिए हमें बच्चों के कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे..
- नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी होने पर सोते समय सिर पर पसीना आना, सिर में गर्मी का महसूस होना ऐसे कुछ लक्षण पाएं जाए है।
- कैल्शियम के कमी के कारण शिशु के दांत देरी से निकलते है।
- कैल्शियम के कमी के कारण हम बच्चों में ज्यादा चिड़चिड़ा पन देख सकते है।
- यदि बच्चे ने कैल्शियम की कमी हो तो बच्चे को तेज बुखार आ सकता है जिस में उस के शरीर में हल्के झटके महसूस किए जा सकते हैं।
- नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी के कारण heart beat ( हृदय गति) normal से धीमी देखी जा सकती है। और blood pressure भी धीमा हो सकता है।
- कैल्शियम के कमी के कारण बच्चों के muscles में muscle cramps देखे जा सकते है।
- बच्चों में रात में पैर दर्द होने की शिकायत बढ़ जाती है। कैल्शियम के कमी के कारण बच्चों के पैर रात को काफी ज्यादा दर्द करते है।
- कैल्शियम कमी के वजह से बच्चों मै भूख ना लगना जैसे लक्षण दिखते है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है। कैल्शियम की कमी की वजह से बच्चे बार बार बीमार पड़ते है।
- कैल्शियम की कमी की वजह से बच्चा काफी देर बाद चलना सीखता है।
नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी से कौनसा रोग होता है
बच्चों में कैल्शियम की कमी दूर करने के उपाय
जब आप बच्चों या नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी के लक्षणों को पहचान गए हो। आए आप को लगता है कि आप के बच्चे या नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी है तो कुछ बातों का आपको खयाल रखना जरूरी है जो आप के बच्चों तथा नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी को दूर कर सकें।
- आपको अपने बच्चे को सुबह की खिलखिलाती धूप में जरूर रखना चाहिए। जिस से उस को विटामिन डी मिल सकें। हमारे शरीर को सूरज की किरणों से विटामिन डी मिलता है। जो शरीर में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाता है।
- अगर आप का शिशु 6 माह के ऊपर हो गया है। आप उसे solid चीजे खाने में दे रही है तो आप आपके बच्चे के diet plan को change कर दीजिए।
- अगर आप का baby 1 साल से कम उम्र का है और आप उसे गाय का दूध दे रही है तो ऐसा ना करें। उसे गाय का दूध (cow milk) देना तुरंत बंद कर दे। नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी का यह एक बड़ा कारण हो सकता है। आप अपने बच्चे को breast milk या फार्मूला मिल्क ही दें। क्यों की breast milk या फार्मूला मिल्क में जो जरूरी nutritions होते है वह cow milk में नहीं होते।
- अगर आप का शिशु 6 माह के ऊपर हो गया है। और आप ने उसे solid foods देना शुरू कर दिया है तो उसे calcium rich foods दें या calcium supplements दें।
- अगर आप जा बच्चा दूध पीने मे intrested नहीं है। दूध पीने में आनाकानी करता है तो आप अपने बच्चे को दूध से बने पदार्थ दीजिए। जैसे… दलिया, खीर, हलवा। आप बच्चे के खाने में दूध का प्रयोग करें।
कैल्शियम बढ़ाने के उपाय
अब आप तो समझ ही गए होंगे कि कैल्शियम शरीर का एक बेहद जरूरी तत्व है। जो बच्चों के physical growth के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण हैं। इसलिए हमें बच्चों तथा नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी को दूर कर उनके कैल्शियम की मात्रा को बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। आओ देखते है हम किस तरह से बच्चों के शरीर में कैल्शियम बढ़ा सकते है। देखते है ऐसी चीजे जो बच्चों के शरीर में कैल्शियम की मात्र को बढ़ते है।
कौनसी चीजे बच्चों में कैल्शियम को बढ़ाती है।
Fresh Dairy product
दूध या दूध से बने पदार्थ जैसे पनीर, दलिया, दही, दूध से बनी खीर या हलवा ऐसे पदार्थ हमें बच्चों के आहार में शामिल करना होगा। Dairy product में कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है। कई बच्चे दूध नहीं पीते। दूध पीने मे आनाकानी करते है। ऐसे में हम बच्चों के आहार में fresh dairy product का इस्तेमाल कर सकते है।
Green leafy vegetables
जब बच्चों में कैल्शियम की कमी होती है तब हमें बच्चों के diet plan में बदलाव लाने की आवश्यकता होती है। ऐसे में हम बच्चों के आहार में हरी पत्ती दार सब्जियों (Green leafy vegetables) का प्रयोग करें। हरी पत्ती दार सब्जियों में भी कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
Fruits rich in vitamin C
हमें बच्चों को vitamin C युक्त फलों का सेवन कराना चाहिए। जैसे , नींबू, अमरूद जिस मे कैल्शियम भी होता है। Vitamin C हमारे शरीर की हड्डियों में कैल्शियम को जमा करने में मदद करता है।
Exposure to early sunlight
शरीर में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाने के लिए vitamin D काफ़ी help करता है। इसलिए हमे चाहिए की सुबह की धूप में बच्चों को 20 से 30 मिनट तक रखें। ताकि बच्चों को vitamin D मिल सकें।
सोया मिल्क और सोया प्रोडक्ट में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। आप बच्चों को सोया दूध दे सकते है।
dry foods
dry foods में बादाम कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। बादाम से दिमाग तेज तो होता ही है उसके साथ दांत और हड्डियां भी मजबूत होती है। मासपेशियों के विकास के लिए बादाम गुणकारी साबित होता है। Dry foods में अंजीर भी कैल्शियम और फास्फोरस का अच्छा स्त्रोत माना जाता है।
बच्चों तथा नवजात शिशु में कैल्शियम की कमी का होना यह एक आम समस्या है लेकिन इसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। इस समस्या को नजर अंदाज करना हमारे शिशु के लिए घातक साबित हो सकता है। यदि ऐसी कोई समस्या आप अपने बच्चों मै पाते है। तो उसके लक्षणों को जानकर तुरंत उसपर अमल करें। या अपने डॉक्टर्स की राय लें। कैल्शियम की कमी बच्चे के physical growth पर सीधा असर डालती है। इस लिए इसे हल्के में ना लें।
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