जब हमारा बेबी तीसरे महीने का हो जाता है तो हमें शिशु की देखभाल कैसे करनी है यह हम इस 3 month baby care in hindi के इस आर्टिकल में जानेंगे।
जब एक नन्हा शिशु आप के घर में कदम रखता है तो माता पिता के साथ साथ घर के सभी सदस्यों को भी काफी खुशी होती है और पुरे घर में ख़ुशी का माहौल तैयार हो जाता है। साथ ही घर में सभी की और खास कर माता पिता की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। अपने शिशु की देखभाल करने के लिए सभी को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
पहले दों महीनों में शिशु की कैसे देखभाल करनी है यह हम ने आप को दों आर्टिकल में बताया है अगर आप नही जानते की पहले और दुसरे महीने में हम अपने शिशु की देखभाल कैसे कर सकते है तो आप निचे दिए गये link पर click कर वह आर्टिकल पढ़ सकते है
3 month baby care in hindi में जानें ३ महीने के शिशु की देखभाल कैसे करें?
3 महीने में हम शिशु में क्या बदलाव देख सकते है?
जब आप का शीशु 3 महीने का हो जाता है तो आप भी थोडा रिलैक्स महसूस करते है। एक माँ यह भलीभांति जानती है की शिशु के जन्म से लेकर पाहिले दों महीनों तक शिशु के देखभाल के लिए कितना सजग रहने की आवश्यकता होती है। जिस के लिए एक माँ को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। शिशु की नींद, उसका खान पान, उस की साफसफाई की सब से ज्यादा care करने की आवश्यकता पहले दों महीनों में होती है। लेकिन 3 month में बेबी comfortable महसूस करता है। 3 month baby care in hindi के इस आर्टिकल में हम सब से पहले देखेंगे की जब बच्चा 3 महीने का हो जाता है तो उस में क्या-क्या बदलाव देख सकते है।
स्पर्श को पहचानना
आप को पता है जब भी एक माँ अपने शिशु को जन्म देती है तब कई डॉक्टर्स और घर के बड़ें बुजुर्ग भी आप को सलाह देते है की आप बच्चे को ज्यादा से ज्यादा स्पर्श की जरूरत होती है। जिसे हम touch theropy भी कह सकते है। जो बच्चो के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिये महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। माँ का स्पर्श बच्चे के लिए मेडिसिन की तरह काम करता है।
जब 3 month का हो जाता है तब वह स्पर्श से अपने माता पिता को अच्छे से पहचान पाता है। एक शीशु अपने माँ के स्पर्श से सहज हो जाता है। और स्पर्श से ही बच्चे और आप में अच्छी तरह से बॉन्डिंग बन सकती है।
आवाज पर प्रतिक्रिया करना
शिशु के जन्म के पूर्व ही शिशु गर्भ में रहते ही आवाज की और ध्यान देता है। इसलिए शिशु के जन्म के बाद आप को कई डॉक्टर्स या आप के घर के बड़े बुजुर्ग हमेशा आप को बच्चों के साथ बाते करने की सलाह देते है वह इसलिए की आवाज या ध्वनि बच्चे के विकास की अहम कड़ी है। जब आप का शिशु 3 month का हो जाता है तो वह आवाज पर अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू करता है, जैसे वह आप की आवाज पर किसी तरह का आवाज निकाल कर, आवाज की तरफ देखकर, हंसकर, या अपने शरीर के किसी हिस्से को हिलाकर, जैसे हाथ या पैर हिलाकर प्रतिक्रिया देता है।
शारीरिक एक्टिविटीज को बढ़ाना
शिशु के 3 month के उपरांत हम अपने शिशु में कई तरह के बदलाव देख सकते है। उन में से ही एक है शिशु में शारीरिक एक्टिविटीज को बढ़ा देता है। वैसे तो शिशु शारीरिक मानसिक और बौद्धिक स्तर पर विकास की और अग्रेसर रहता है। जैसे 3 month के बाद से ही बच्चे खुद के शरीर को स्थिर करना शुरू करते है। पीठ के बल लेटे हुए अपने हाथोंसे अपने सिर को उठाने की कोशिश करते है, साथ ही अपने हाथों को मुंह में डालकर चुसना, किसी चीज को उठाकर मुंह में डालने की कोशिश करना, पीठ के बल होने की कोशिश करना, ऐसे कई तरह की एक्टिविटीज को 3 month के शिशु में हम देख सकते है।
3 महीने के शिशु की क्या-क्या गतिविधियाँ होती है?
3 month baby care in hindi के इस आर्टिकल में हम जानेंगे की 3 month के शिशु में आप किस तरह की गतिविधियों को देख सकते है। किस तरह से एक शिशु शारीरिक तौर पर और मानसिक तौर पर गतिविधियाँ करता है।
आप देख सकते है की शिशु के जन्म के बाद पहले और दुसरें महीने के बाद शिशु की शारीरिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होती है और साथ एक शिशु के मानसिक गतिविधियों को भी हम देख सकते है। जैसे 3 month के उपरांत शिशु अपने आजूबाजू होनेवाली एक्टिविटीज पर ध्यान केन्द्रित करता है। जैसे आप शिशु के पास बैठ कर बातें करते हो तो वह आप के ओठों की एक्टिविटीज को देखता है..आप की आवाज पर प्रतिक्रिया करता है जैसे हसकर, या हाथ या पैर हिलाकर आप की बातों पर रियेक्ट होता है। भूक लगने पर या किसी असहजता के लिए रोकर या चिल्लाकर ध्यान आकर्षित करता है।
3 month में शिशु अपने हाथों से किसी वस्तु या खिलौने को पकड सकता है। किसी चीज को हाथों से अपने मुंह में डालने की कोशिश करता है।इसी दौरान शिशु खुद को एक तरफ लुढकने की भी कोशिश करता है। अपने हाथों को मुंह में डालकर चुसता है, इस दौरान आप ने देखा होगा की 3 month के उपरांत शिशु की देखने और पहचानने की क्षमता में भी काफी बढ़ोतरी होती है जैसे शिशु अपने माँ-बाप और परिचित चेहरें को काफी अच्छे से पहचान पाता है।
3 महीने के शिशु का खानपान का ध्यान कैसे रखना है?
3 month के उपरांत शिशु के खानपान का हमें किस तरह से ध्यान रखना है इस बातो को जानना भी आप के लिए आवश्यक है इसलिए 3 month baby care in hindi के इस आर्टिकल में हम ने आवश्यक तौर पर शामिल किया है जो एक शिशु के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है।
जब तक आप का शिशु 6 month का नही हो जाता तब तक आप को आप के शिशु को माँ के दूध के आलावा कुछ भी नहीं देना है। हाँ यदि किसी कारणवश आप अपने शिशु को माँ का दूध नही पिला सकते तब आप को अपने डॉक्टर्स की सलाह से ही शिशु को फार्मुल्ला मिल्क देने की जरूरत होती है। कई माँ बाप अपने शिशु को या नवजात शिशु को गाय का दूध देते है जो आप के शिशु के लिए काफी harmful साबित हो सकता है।
जन्म के बाद 3 month के उपरांत आप का शिशु आप के साथ या आप जहाँ भी रहते है उस जगह से जुड़ जाता है सहज हो जाता है। जिस से उसके कई एक्टिविटीज में बदलाव आता है। तब जन्म के बाद जो उसकी feeding की activities थी उस में भी आप को आप के शिशु के जरूरत के हिसाब से बदलाव करने की जरूरत होती है। क्यों की बढ़ने के साथ साथ आप के बच्चे की भूक भी बढ़ना लाजमी है।
वैसे तो हर बच्चे का दूध पिने का पैटर्न अलग होता है,फिर भी दिनमें औसतन 3 से 4 घंटें और रात को दों या तिन बारमें आप को अपने शिशु को दूध पिलाने की आवश्यकता होती है। जो शिशु के सही तरह के विकास के लिए जरुरी भी है।
3 महीने के शिशु के लिए क्या जरुरी है?
3 month baby care in hindi के इस आर्टिकल में आप को यह जानना आवश्यक है की इस दौरान आप के लिए और आप के शिशु के लिए क्या जरुरी और महत्वपूर्ण है। आप को तो यह पता है की आप का शिशु पूर्ण तरह से आप पर ही निर्भर है। उसे लिए स्वच्छता का ध्यान, शिशु के साफसफाई का ध्यान, शीशु को किसी तरह से rashes या अन्य इन्फेक्शन न होने के लिए भी आप को ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। साथ साथ आप ने यह भी सुना होगा या आप को आप के डॉक्टर्स ने भी इस बात से सूचित किया होगा की एक माँ के लिए जरुरी है की वजह अपने सेहत और खान-पान का भी ख़याल रखें जिस से शिशु को एक माँ से मिलने वाले आहार में सभी प्रोटीन्स, nutrients मिल सकें।
साथ ही आप का शिशु कई तरह की एक्टिविटीज को करने की कोशिश करता है तो आप के लिए जरुरी है की उसकी सुरक्षा का भी ध्यान आप को रखना होगा। इस के लिए आप को शिशु जहाँ सोता है , आराम करता है, खेलता है उस जगह को आप को बेबी-प्रूफ बनाने की आवश्यकता होती है। जो सुरक्षा की दृष्टी से महत्वपूर्ण है।
बच्चों के सामने खिलौने रखते वक्त आप को ध्यान रखना है की कोई भी खिलौना धारवाला या नुकीला ना हो जिस से बच्चे को चोट लगने की सम्भावना हो। और जो भी खिलौने आप अपने शिशु के सामने रख रहे हो वह किसी भी तरह से कीटाणु विरहित हो, जिसे शिशु को दस्त या अन्य बिमारियों से बचाया जा सकें।
आज कई माँ-बाप अपने बच्चों को मोबाइल खेलने के लिए दे देते है। 3 month के baby को भी कई parents मोबाइल दिखाते है। यह आप के शिशु के लिए काफी गंभीर हो सकता है। अगर कोई माँ-बाप अपने शिशु को इस तरह से मोबाइल दिखाते है तो उन्हें यह तुरंत बंद कर देना चाहियें। बच्चों को मोबाइल से होनेवाली गंभीर खतरों को जानने के लिए निचे दिए गये लिंक पर क्लिक कर हमारा यह आर्टिकल पढ़ सकते है।
यदि आप या आप के घर कोई भी धुम्रपान करता हो तो आप कभी भी घर में या शिशु के आसपडोस धुम्रपान ना करें। 3 month का आप का शिशु अब भी शारीरिक और मानसिक तौर पर विकास की पहली पायदान पर है। ऐसे में शिशु के फेफड़े या ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता को काफी हानि हो सकती है या आप का शिशु कई गंभीर बिमारियों के चपेट में आ सकता है।
शिशु के टीकाकरण का हमे क्या जानना आवश्यक है?
शिशु के टीकाकरण की जानकारी सभी parents को रखने की आवश्यकता होती है। क्यों की समय पर टीकाकरण आप के शिशु के शरीर में रोग प्रतिरोध क्षमता के साथ कई एंटी बॉडीज को विकासित करता है जो आप के शिशु के जीवन के लिए काफी जरुरी है। शिशु के टीकाकरण की जरुरी जानकारी के लिए आप निचे दिए गये लिंक पर जाकर टीकाकरण के सभी जानकारी को प्राप्त कर सकते है।
वैसे तो शिशु के जन्म के बाद पहले और दुसरे महीने में जरुरी टीकाकरण हो जाता है जिस से शिशु के तीसरे महीने में आप का शिशु टीकाकरण से free रहता है। इसलिए इस महीने में आप को टीकाकरण की चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती। फिर भी आप को नियमित तौर पर अपने डॉक्टर्स से अपने शिशु का चेक-अप करते रहना चाहियें।
पहले दों महीनों के मुकाबले शिशु की नींद में क्या बदलाव आता है?
आप को पता है की शिशु के जन्म के बाद पहले दों महीने एक माँ के लिए काफी परेशानी वाले होते है, जिस में शिशु का दिन में सोना और रात रात भर जागना, रोना भी शामिल होता है। 3 month के उपरांत आप के शिशु की नींद में भी थोडा बदलाव आता है जो आप के लिए भी थोडा सुकून भरा हो सकता है।
3 month में आप के शिशु की नींद में भी एक स्थिरता आती है। जहाँ पहलें दों महीने आप में शिशु रात को जागता था उस में थोडा बदलाव होता है और रात के समय शिशु ज्यादा सोने लगता है जो आप के लिए राहत भरा होता है। आप को आप के शिशु से जुड़ें नींद के बारें में दी गयी जानकारी को अवश्य पढना चाहिए जो आप को अपने शिशु के नींद से जुडी सभी बातों को बताती है। इस के लिए आप निचे दिए गये लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते है।
हो सकता है की आप का शिशु भूक लगने पर एक या दों बार नींद से जाग जाएँ लेकिन एक बार feeding करने के उपरांत आप का शिशु कम से कम 4 या 5 घंटे की नींद लेना शुरू कर देता है। बच्चों में नींद आने के कुछ संकेतों को भी हम समझ सकते है जैसे, नींद आते ही बच्चोमें चिड़चिड़ा पण हम देख सकते है, रोना या आँखें मलना, अपना अंगूठा चुसना जैसी एक्टिविटीज हम बच्चोमें देख कर समझ सकते है की अब शायद शिशु को नींद आ रही है।
इस के तुरंत बाद हम कमरें में कम रौशनी कर और हल्का music चला सकते है जिस से शिशु को जल्दी नींद आने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
3 महीने के शिशु के लिए किस तरह के खिलौने हमें खरीदने चाहियें?
3 month के शिशु लेटे रहते है। इस तरह के बच्चों के लिए खिलौने खरीदते वक्त हमें ध्यान रखना होता है ऐसी बातों का जो हमारे 3 month के शिशु के लिए भी जरुरी और सुरक्षित हो। जन्म से 3 month के उपरांत बच्चों के पाँचों भी ज्ञानेन्द्रिय (जैसे त्वचा, कान, नाक, आंखें और जीभ) develope स्टेज में होते है। अगर आप को बच्चों के खिलौनों के चयन में कोई दिक्कत आ रही है तो आप निचे दिए गये लिंक पर क्लिक कर शिशु के उम्र के हिसाब से खिलौनों का कैसे चयन कर सकते है यह जान सकते है।
इस के लिए Playmats and baby gyms 3 month के शिशु के लिए एक बढ़िया और atractive खिलौना साबित होता है। जिस मे अलग अलग कलर्स और shape के खिलौने लटके होते है। बच्चे के ऊपर लटके होने के कारण बच्चे इसे अच्छी तरह देख पाते है।
3 month के बच्चों को colours की अच्छी पहचान कराने के लिए भी यह toy काफी helpful साबित होता है। जिस मे कई तरह के atravtive colours और अलग अलग तरह के shape में toys लटके हुए होते है। जिसे बच्चे आराम से लेटे लेटे खेल सकते है। बच्चे उन toys की तरफ़ हाथों और पैरों को बढ़ाते है। जिस मे बच्चों की अच्छी activity हो जाती है। साथ ही बच्चों की मानसिक और शारीरक क्षमता को भी बढाने में खिलौने बेहतर साबित होते है।
3 month baby care in hindi में आप के लिए विशेष सलाह
3 month baby care in hindi के इस आर्टिकल में हम ने आप को आप के शिशु के 3 month के उपरांत होनेवाली एक्टिविटीज के साथ साथ सभी पैलुओं को पर पूर्ण रूप से बताने की कोशिश की है। फिर भी कभी कभी मौसम के बदलावों से फैलनेवाले बैक्टीरिया और कई तरह के जीवाणु एवं विषाणुओं से संक्रमण का खतरा आप के शिशु पर बना रहता है। इस लिए आप को जरुरी है की आप अपने शिशु की आप के फॅमिली डॉक्टर्स एवं चिकित्सक से नियमित रूप से जांच कराएँ ताकि किसी भी संभावनाओं से अपने शिशु को बचाया जा सकें।
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