गर्भपात हमारे देश में एक संवेदनशील मुद्दा है। संवेदनशील इसलिए क्यों की हमारे देश में गर्भपात के लिए अलग नियमावली है। तथ्यों और कारणों को जाने बिगर गर्भपात कराना कानूनन अपराध माना जाता है। इसलिए इस मुद्दे पर जितनी खुलकर बात होनी चाहियें वह नही होती, लेकिन सही जानकारी का आभाव इस से भी घातक सिद्ध हो सकता है।
इस आर्टिकल में हम गर्भपात के घरेलु उपाय के बारे में जानेंगे, साथ ही आप को यह भी बताएँगे की यह तरीके सुरक्षित है या नहीं। गर्भपात के घरेलु तरीकों में क्या जोखिम हो सकते है? इन सभी विषयों के बारे में सभी जरुरी जानकारी को, तथ्यों और कारणों को आप के सामने लाने का प्रयत्न किया है।
गर्भपात क्या होता है?
प्रेग्नेंट महिला के गर्भाशय या बच्चेदानी से भ्रूण का विकास होने के पूर्व जिसे हम अर्धविकसित भ्रूण कहते है, उसका निष्कासन होना ही गर्भपात कहलाता है। इस के दों अलग अलग तरीके होते है। जब गर्भपात अपने आप हो जाता है तो मिसकैरेज कहा जाता है और यदि अनचाहे गर्भ या असुरक्षित गर्भ को जान बूझकर गर्भपात किया जाता है तो उसे अबॉर्शन कहते है।
घर पर ही गर्भपात कैसे करते हैं?
यदि एक प्रेग्नेंट महिला का गर्भावस्था का समय 9 हफ्तों से कम है तो ऐसी स्थिति में अपने डॉक्टर्स की सलाह से घर पर ही गर्भपात करवा सकते है। लेकिन घर पर गर्भपात करना खतरनाक और जानलेवा भी हो सकता है। Home Child Care किसी भी तरह से घरेलु उपचार से गर्भपात का समर्थन नही करता। इसलिए इसी विशेषज्ञ की सलाह और देखरेख में ही करवाना चाहिए।
गर्भपात करने के कुछ प्रमुख घरेलू उपाय व तरीके
पपीता
आप को पता है की गर्भवती महिला को पपीता खाने से परहेज किया जाता है, ऐसा इसलिए की पापिता से गर्भपात हो सकता है। ऐसी मान्यता है कि कच्चे पपीता के लगातार सेवन से गर्भपात अपने आप ही हो जाता है। कच्चे पपीते में लेटेक्स होता, जिसका रंग दूध की तरह सफेद होता है। इस लेटेक्स में प्रोस्टाग्लैंडीन और ऑक्सीटोसिन नामक हार्मोन पाए जाते हैं। प्रसव के दौरान होने वाली संकुचन प्रक्रिया (labour contractions) को बढ़ाने में ये दोनों हार्मोन अहम भूमिका निभाते हैं इसलिए कच्चे या पके पपीता के सेवन से अबॉर्शन होना निश्चित होता है।
अनानास
अनानास का सेवन अधिक मात्रा में करने से भी अबॉर्शन हो जाता है क्योंकि इसमें ब्रोमेलैन नामक एंजाइम पाया जाता है , इस तत्व को भी गर्भपात का कारण माना जा सकता है। एक शोध के अनुसार, इसका सेवन करने से भी गर्भाशय संकुचन बढ़ सकता है, जिससे गर्भपात हो सकता है।
विटामिन सी
ऐसा माना जाता है कि विटामिन सी के ज्यादा सेवन से अबॉर्शन हो जाता है इसलिए प्राकृतिक रूप से गर्भपात करने के लिए विटामिन सी की ज्यादा मात्रा में सेवन की सलाह कई लोग देते हैं। इस तरीके से गर्भपात करने के लिए गर्भवती महिलाएं विटामिन सी कीअधिक मात्रा वाले फल , सब्जियों या विटामिन सी की गोलियों का सेवन करती है। लेकिन मेडिकल रिसर्च के कुछ अध्ययनों से यह बात पूर्ण रूप से साबित नही हो पायी है। इसलिए विटामिन सी गर्भावस्था में कोई जोखिम पैदा करता या नही, इस से गर्भपात होता या नही इस में संदेह की स्थिति बनी हुई है।
आंवला
ऐसा माना जाता है कि विटामिन सी की अधिक मात्रा से गर्भपात हो जाता है और आंवला में बहुत अधिक मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है इसलिए आंवला के अत्याधिक सेवन से अबॉर्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन इस की कोई पुष्टि नही हो पायी है फिर भी कई गर्भवती महिलाएं आंवले का उपयोग अनचाहे गर्भ को गिराने के घरेलू तरीके के उपाय के रूप में करती है।
ब्लू कोहोश
गर्भपात के घरेलू तरीकों के लिए कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों को भी शामिल है, जिनमें से एक है ब्लू कोहुश या जिसे हम नीला कोहुश कहते है। यह एक जंगली पौधा है, जिसका इस्तेमाल मासिक स्राव लाने और गर्भपात करने के लिए किया जाता है। वहीं, एक शोध में देखा गया है कि इसका सेवन करना कई समस्याओं का कारण बन सकता है। नीले कॉहोश में मौजूद मेथिलसिटिसिन नाम का तत्व शरीर में जहरीला प्रभाव दिखा सकता है।
दालचीनी
गर्म तासीर वाली दालचीनी एक मसाला पदार्थ है। जिसे अमूमन सभी घरों में मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान गरम तासीर वाले भोजन ना करने की सलाह हमेशा दी जाती है, वह इसीलिए की गर्म तासीर वाले पदार्थ सेवन करने से गर्भपात की संभावनाएं बढ़ जाती है।
इसलिए दालचीनी का उपयोग गर्भपात करने के लिए किया जाता है। गर्भपात होने के लिए गर्भवती महिला को अत्याधिक मात्रा में दालचीनी का सेवन खाने, चाय आदि में देते है।
कपास की जड़ की छाल
कपास की जड़ की छाल में भी गर्भपात करने वाला प्रभाव पाया जाता है। इसलिए गर्भपात के लिए और मासिक धर्म शुरू करने के लिए कपास की जड़ की छाल से बनी चाय भी इस्तेमाल की जाती है। यह गुण प्रोजेस्ट्रोन के स्तर को कम करता है। प्रोजेस्ट्रोन का कम स्तर गर्भाशय को यह संकेत देता है कि गर्भ में कोई भ्रूण नहीं है। ऐसे संकेत मिलने के बाद गर्भाशय मासिक चक्र शुरू कर सकता है। इस रक्तस्राव के साथ गर्भपात भी हो सकता है। लेकिन यह तरीका भी महिला के लिए काफी जोखिम भरा हो सकता है।
बबूल
कई जगहों पर घरेलू तरीकों से गर्भपात करने के लिए बबूल के पेड़ का भी उपयोग किया जाता है। बबूल के पेड़ के हरे पत्तों को 2 ग्राम मात्रा में लेकर दो कप पानी मिलाकर इस मिश्रण एक कप रहने तक उबाल लिया जाता है, और बाद में इसे ठंडा करके इसका सेवन गर्भपात होने तक किया जाता है।
मगवॉर्ट
मगवॉर्ट एक बारहमासी सुगंधित पौधा है, जो अरब के रेगिस्तान में व्यापक रूप से पाया जाता है। गर्भपात के लिए महिलाओं द्वारा इस पौधे की पत्तियों का सेवन किया जाता है। इसके सेवन से सीरम ऑक्सीटोसिन हार्मोन के स्तर में वृद्धि होने के कारण गर्भपात होने की सम्भावना बढ़ जाती है। हालांकि, मगवॉर्ट के कौन से बायोएक्टिव तत्व गर्भपात का कारण बनते हैं, इस का संशोधन नही हुआ है। यह भी महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
तिल के बीज
तिल या तिल्ली का सेवन सुरक्षित गर्भावस्था में सहायक एचसीजी हार्मोन की मात्रा को कम कर देता है , जो गर्भपात का कारण बनता है। कुछ जगहों पर भुने हुए तिल और शहद का सेवन भी अनचाहे गर्भ को गिराने के घरेलू तरीके के रूप में किया जाता है। ज्यादा मात्रा में तिल का सेवन करके गर्भपात करना भी एक असुरक्षित तरीका है, जिसका समर्थन कोई भी विशेषज्ञ नहीं करता है।
केले की पत्तिया
कुछ क्षेत्र में केलि के पत्तियों का उपयोग भी गर्भपात करने के लिए और मासिक धर्म शुरू करने के लिए किया जाता है। इसके लिए केले के पत्तों को सुखासा लिया जाता है, और इन केलि के पत्तियों का चूर्ण बनाकर बाबुल के फल्लियों के चूर्ण के साथ मिलाया जाता है और जब तक की गर्भपात ना हो जाए और मासिक धर्म शुरू ना हो जाए तब तक इस का सेवन किया जाता है।
कॉफी या कैफीन
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में अत्याधिक मात्रा में कॉफी का सेवन करने से भी गर्भपात हो जाता है। इसीलिए डॉक्टर सुरक्षित गर्भावस्था के लिए गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक मात्रा में कॉफी पिने की मनाही करते हैं।
इलायची
गर्म तासीर वाले पदार्थ गर्भपात का कारन हो सकते है। इलायची एक गर्म तासीर वाला मसाला पदार्थ है इलायची से गर्भपात होता है या नहीं होता है इस बारे में कुछ ठोस जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन इलायची को दालचीनी कालीमिर्च जैसे अन्य गर्म तासीर वाले मसालों के साथ खाने से गर्भपात होने की संभावना रहती है।
जायफल
गर्भावस्था में जायफल का अत्याधिक मात्रा में सेवन करने से गर्भपात होने की संभावना रहती है।गर्भावस्था के पहले 10 सप्ताहों में यदि गर्भपात करने के लिए जायफल का प्रयोग किया जाएँ तो गर्भपात होने के चांसेस बढ़ जाते है, लेकिन जायफल से गर्भपात होने की पुष्टि वैज्ञानिक शोधों में नहीं हुई है।
मेथी के दाने
गर्भावस्था के दौरान अत्याधिक मात्रा में मेथी के दाने का सेवन करने से भी गर्भपात हो सकता है। मेथी के दानों में सैपोनिन्स नामक एंजाइम पाया जाता है, जिस की अधिक मात्रा के सेवन से गर्भपात होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
तुलसी
तुलसी का उपयोग कई महिलाएं घरेलू तरीके से गर्भपात करने के लिए करती है। तुलसी में इयूजेनोल एंजाइम तथा विटामिन सी की प्रचुरता गर्भपात का कारण बनती है गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा बनाकर पिया जाता है। तुलसी के साथ दालचीनी, कालीमिर्च, लौंग जैसे गर्म तासीर के पदार्थों को मिलाकर काढा बनाया जाता है, जिस से गर्भपात होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
पेनिरॉयल
यह अनचाहे गर्भ को समाप्त करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक प्रकार की जड़ी-बूटी है। लेकिन गर्भपातमें इसकी क्या भूमिका है, यह जानने के लिए अधिक शोध की जरूरत है। विशेषज्ञों की मानें, तो इसका सेवन गर्भवती महिला की मृत्यु का कारन भी हो सकता है। इसलिए, गंभीर परिणामों से बचने के लिए ऐसी किसी औषधि का सेवन नहीं करनाही बेहतर है।
अजवाइन
हमने पहले भी बताया है कि गर्म तासीर की चीजें खाने से गर्भपात होने की संभावना रहती है।अजवाइन भी एक गर्म तासीर का पदार्थ है। अजवाइन के साथ जीरे को भूनकर चूर्ण बना कर सेवन करने से गर्भपातकी सम्भावना बढ़ जाती है।
गर्म पानी से नहाना
गर्भावस्था के दौरान ज्यादा गर्म पानी से नहाना हाइपरथर्मिया (शरीर के अधिक तापमान) का कारण बन सकता है, जिस कारण गर्भपात हो सकता है। इस उपाय से अन्य नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए, डॉक्टर की सलाह के बिना इसका इस्तेमाल करना जोखिमकारक हो सकता है।
गर्भपात के लिए व्यायाम
कुछ महिलाएं गर्भावस्था में भारी व्यायाम करके गर्भावस्था समाप्त कर सकती है। वैज्ञानिक अध्ययन कहते हैं कि गर्भावस्था के शुरुआती दौर में व्यायाम करने से गर्भपात का जोखिम हो सकता है, लेकिन यह तरीका असुरक्षित है।
क्या घरेलू तरीके से गर्भपात करना सुरक्षित है ?
हमने इस आर्टिकल के पहले ही आप को बताया है कि घरेलु तरीकों से गर्भपात करना कभी भी सुरक्षित नहीं है। इस तरह के गर्भपातके घरेलु उपचार या तरीकें हमेशा असुरक्षित और अधूरे गर्भपात की श्रेणी में आते है। अगर इस तरह के घरेलु तरीके आप आजमाते है तो भ्रूण के कुछ अंश आपके गर्भाशय के अंदर ही रह सकते हैं जो आपके गर्भाशय में इंफेक्शन निर्माण कर सकते है, जिस से आप का गर्भाशय हमेशा के लिए निष्क्रिय भी हो सकता है।
गर्भपात के लिए सुरक्षित विकल्प क्या हैं?
गर्भपात के सुरक्षित विकल्प वही होते हैं, जो डॉक्टर की देखरेख में अपनाए जाते हैं। गर्भपातके लिए आप अपने डॉक्टरसे संपर्क कर सकते हैं। या अनचाहे गर्भ से बचने के लिए बेहतर है कि गर्भनिरोधक तरीके अपनाए जाएं, जिनका प्रयोग कर गर्भपातके सभी जोखिम से बचा सकता है।
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