बच्चे को दस्त लगने पर क्या करें? जानिए easy home remedies।
नवजात शिशु को दस्त लगना जिसे हम डायरिया या loose motion भी कहते है हर माता पिता के लिए चिंता का विषय होता है। अगर आप का बच्चा 3 माह के भीतर है तो आप को अपने बच्चे को डॉक्टर्स को जरूर दिखाना चाहिए। बच्चे को दस्त लगने पर हमें घरेलू उपायों को आजमाना चाहिए। शिशु के लिए घरेलू उपायों से हम दस्त बड़े आसानी से ठीक कर सकते है।
नवजात शिशु को दस्त लगना।
नवजात शिशु को दस्त लगना एक आम समस्या है। लेकिन हम में विशेष ध्यान नहीं दिया तो यह एक गंभीर बात हो सकती है। नवजात शिशु को दस्त लगने के कई कारण हो सकते है। पहले तो हमें नवजात शिशु को दस्त लगने के कारणों पर ध्यान देना चाहिए। आओ जानते है किन कारणों से नवजात शिशु को दस्त लग सकते है।
नवजात शिशु को बार बार दवाइयां देने पर भी बच्चे को डायरिया जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
नवजात शिशु को दस्त लगे या नहीं कैसे जानें।
नवजात शिशु जब बार बार पॉटी करता है। तो सभी parents के मन में सब से पहले खयाल आता है कि शिशु को दस्त तो नहीं लगे? लेकिन नवजात शिशु का बार बार पॉटी ही दस्त नहीं होता। हमारे लिए यह जानना बेहद आवश्यक होता है कि क्या शिशु को दस्त लगे या नहीं। इसलिए नीचे दी गई बातों का भी जानना सभी parents के लिए जरूरी है। जिसे आप यह जान सकें कि नवजात शिशु को दस्त लगे या नहीं। और आप सही तरीकों से उसका इलाज कर सकें।
- स्तनपान करने वाले नवजात शिशु 1 या 2 दिन के अंतराल में 10 से 15 बार पॉटी के सकते है। यह उनके लिए normal बात होती है।
- अगर एके नवजात शिशु सही तरीके से breast feeding के रहा है और healthy भी दिख रखा है तो आप को बच्चे के पतली पॉटी से परेशान नहीं होना चाहिए।
- नवजात शिशु को पतली पॉटी होने पर कई माताएं पतली पॉटी के लिए स्तनपान को जिम्मेदार मान कर अपने बच्चे की breast feeding बंद कर देती है। यह सब से बड़ी गलतफहमी होती है। किसी भी बात से बच्चे की breast feeding बंद नहीं करनी चाहिए।
- अगर बच्चा एक साल से छोटा है। और पतली पॉटी के साथ बच्चे को तेज बुखार भी आ रहा है तो parents को इस बात को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।
- बच्चे का बार बार पतली पॉटी करने के साथ चिड़चिड़ा होना, बार बार प्यास लगना, गला सुख जाना, आंखों का धसना और बच्चे का लगातार रोना नवजात शिशु को दस्त होने के संकेत हो सकते है।
नवजात शिशु को दस्त लगने पर किन बातों का रखे खयाल।
नवजात शिशु को दस्त लगने पर सभी parents काफी परेशान हो जाते है जिस के कारण वह नवजात शिशु के दस्त लगने पर कुछ बातों जा ध्यान नहीं रख पाते किन्तु हमें काफी बातों पर ध्यान रखने की जरूरत होती है।
जैसे दस्त की वजह से नवजात के शरीर में water level और इलेक्ट्रोलाइट कम हो जाती है। इसलिए हर मां को यह जरूरी है कि वह अपने शिशु को breast feed कराती रहे। शिशु में इलेक्ट्रोलाइट को बढ़ाने के लिए बच्चों के ORS का अवश्य प्रयोग करना चाहिए। दस्त में बच्चों को ORS देना अनिवार्य है।
अगर आप का बच्चा 3 माह के भीतर है टी आप को अपने बच्चे को डॉक्टर्स को जरूर दिखाना चाहिए।
बच्चों को दस्त में क्या दे।
अगर नवजात शिशु की बात की जाए। नवजात शिशु को दस्त में खाने को क्या देना चाहिए तो आप जानते है 0 से 6 महीने का नवजात शिशु पूरी तरह से अपने नाना के दूध पर ही depend होता है। इसलिए दस्त में बच्चे को breast feed जरूर करना चाहिए। Breast feed बन्द नहीं करनी चाहिए। अगर बच्चा फार्मूला मिल्क पिता है तो आप उसे फार्मूला मिल्क दे सकती है। दस्त में नवजात शिशु की feeding बन्द नहीं करनी चाहिए। नवजात शिशु को Ors की मात्रा डॉक्टर्स की सलाह से देनी चाहिए।
अगर आप का शिशु 6 माह के ऊपर है। और आपके बच्चे ने solid फूड्स खाना शुरू कर दिया है और ऐसे में आप के बच्चे को दस्त हुए है तो निम्न घरेलू उपायों से बच्चे के दस्त को आसानी से ठीक कर सकते है।
बच्चों के दस्त रोकने के उपाय।
- अगर आप का बच्चा 6 माह के ऊपर है तो बच्चे को दस्त लगने पर हर 10 मिनट में ORS का पानी पिलाएं। दस्त की वजह से बच्चों के शरीर में जरूरी पानी और minerals की कमी आ जाती है जिसे recover करना बहुत जरूरी होता है।
- यदि आप के घर में ORS उपलब्ध ना हो तो ऐसे में आप एक लीटर पानी में 6चम्मच शक्कर और 1 चम्मच नमक मिलाकर ORS का घोल घर में ही तैयार कर सकते हो। जिसे बच्चे को हर 10 से 15 मिनट में आपको बच्चे को पिलाना है।
- अगर आपी के बच्चे ने solid foods लेना शुरू कर दिया है। और आप के बच्चे को दस्त हो गए है तो ऐसे में आप अपने बच्चे को चावल का पानी, डाल का पानी दे सकती है। नारियल का पानी, smash किया ऐपल, केला भी आप बच्चे को दे सकती है।
- अगर आप का बच्चा 8 महीने से ऊपर है। और आप के बच्चे को दस्त के साथ साथ पेट मरोड़ की भी तकलीफ़ हो रही है तो ऐसे में आप बच्चे के नाखूनों पर, उंगली पर, बच्चे के नाभि के area में जायफल और हींग घिसकर लगा सकते है। और थोड़ा जायफल का पेस्ट बच्चे को पानी, दूध या शहद में भी चटा सकते है।
- 6 महीने के ऊपर यदि बच्चे को दस्त हो जाते है तो आप थोड़ा अदरक का रस निकालकर बच्चे को शहद में मिलाकर दिन में दो बार दे सकते है।
- अगर बच्चे को दस्त हो गए है तो हम बच्चे को खाने के साथ थोड़ा दही दे सकते है। दही शरीर में goods bacteria का loss भी होने देता। उन्हे शरीर में बरकरार रखता है।
- दस्त के हम अपने बच्चे को नींबू या नींबू पानी भी से सकते है। नींबू एंटीबैक्टीरियल होता है जो शरीर में bacterial infection पर work करता है।
- दस्त में बच्चे काफी कमज़ोर हो जाते है। ऐसे में हम बच्चों को गाजर का ज्यूस दे सकते है। जो बच्चों के शरीर को energy देता है।
- दस्त होने पर शरीर में सब से ज्यादा loss पानी का होता है। इसलिए शरीर को ज्यादा से ज्यादा पानी पहुंचना काफ़ी महत्वपूर्ण हो जाता है। हम बच्चे को वेजिटेबल सूप भी दे सकते है।
- बच्चों के दस्त में हम बच्चों को डॉक्टर्स की सलाह से zinc सिरप भी से सकते है।
बच्चों को दस्त लगने पर क्या नहीं देना चाहिए।
हमारे एलइए यह जानना भी जरूरी है कि बच्चों को दस्त लगने पर हम क्या क्या चीजें avoid करनी चाहिए। दस्त लगने पर हम बच्चों को क्या नहीं देना है। जिस बात का हमें खयाल रखना है। आओ इस जानते है।
- दस्त लगने पर बच्चों को चाय ता कॉफी जैसी कोई भी चीज नहीं पिलानी चाहिए। और ना ही मीठा जूस और मीठी लस्सी नहीं भी नहीं पिलानी चाहिए।
- दस्त लगे बच्चे को fry की हुई या किसी प्रकार की तैलीय चीजें नहीं खिलानी चाहिए। साथ ही घी, मक्खन से बनी कोई भी चीज बच्चे को नहीं खिलानी चाहिए।
- कोई भी artificial sweetness वाली चीजे बच्चों को दस्त लगने के समय नहीं खिलानी चाहिए।
यदि हम इन बातों का ध्यान रखें तो जल्द से जल्द बच्चों के दस्त को ठीक कर सकते है।
वैसे तो बच्चों को दस्त लगना एक आम समस्या है जो हर बच्चे को सालभर के भीतर होती ही है। लेकिन यदि बच्चों के दस्त 3 से 4 दिनों में ना ले हिक हो पाएं तो हमे अपने डॉक्टर्स से अवश्य संपर्क करना चाहिए।
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