छोटे बच्चों के लिए हिंग कितना है फायदेमंद?
हिंग भारतीय खाद्य पदार्थों में सब से ज्यादा औषधीय तत्व पाए जानेवाला और सब से अधिक गुणकारी पदार्थ है। खासकर नवजात शिशु और छोटे बच्चों के लिए हिंग कई तरह से काम करता है। इस आर्टिकल में हम छोटे बच्चों के लिए हिंग के लाभों को जानेंगे। और छोटे बच्चों के परेशानियों में हिंग कैसे मदद कर सकता है यह भी जानेंगे।
छोटे बच्चों के लिए हिंग
नवजात शिशु तथा छोटे बच्चों के लिए हिंग कई तरह से लाभकारी है। बच्चों के पेटदर्द में हिंग का इस्तेमाल एक बेहतरीन और सब से असरदार घरेलू उपचार साबित होता है। साथ ही छोटे बच्चों के इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बना ने के लिए भी हिंग एक महत्वपूर्ण पदार्थ साबित होता है। बच्चोमें उठने वाला दांत क दर्द और मुख दुर्गंधी जैसे समस्याओं में भी हिंग एक असरदार औषधि के रूप में काम करती है। हिंग से बच्चों का पाचनतंत्र भी ठीक करता है जिस से बच्चों का पेट साफ़ रहने में काफी मदद होती है। साथ ही बच्चों की भूक बढाने का कार्य करता है।
ऐसे बहुउपयोगी हिंग को हमें बच्चो को कैसे देना है यह जानना भी हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है। सब से पहले आप को एक बात को अवश्य ध्यान में रखना चाहिए की नवजात शिशु से लेकर शिशु के 10 माह की आयु तक के छोटे बच्चों के लिए हिंग का प्रयोग खाने में ना करें। शिशुओं में अविकसित इम्युनिटी सिस्टम होने के कारण शिशुओं को हिंग खिलाने से उनके इम्युनिटी सिस्टम पर काफी बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए नवजात शिशु से लेकर 10 माह की उम्र तक के छोटे बच्चों के लिए हिंग की पेस्ट कर के ही शिशु के शरीर पर लगायें। इस लिए घर के बड़े-बुजुर्ग भी आप को शिशु के 10 माह के उपरांत ही शिशु को हिंग खिलाने की सलाह देते होंगे।
शिशु के उम्र के 10-11 महीनों के बाद आप शिशु को हिंग खिला सकते है। तब तक शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली ( immunity system) काफी मजबूत हो जाती है। और हिंग से और बढती है।
छोटे बच्चों में पेटदर्द एक आम समस्या
छोटे बच्चों में पेटदर्द एक आम समस्या होती है। क्यों की शिशु के शरीर का पूर्ण विकास अभी हुआ नही है। और ऐसे में पेट की अन्तालियों में एठन और दर्द उठता है। डॉक्टर्स का कहना है की जब एक शिशु स्तनपान करता है तब उस feeding के साथ साथ शिशु के शरीर के भीतर हवा भी जाती है। अगर शिशु को दूध पिलाने के बाद अच्छे से डकार नही दिलाई तो हवा आँतों में पहुँच कर समस्या उत्पन्न करती है जो बच्चे के पेटदर्द का कारण होती है। जिस से शिशु काफी रोने लगता है। और अक्सर माता-पिता अपने शिशु का रोना देख काफी परेशान हो जाते है। खास कर एक माँ अपने बच्चे का रोना बर्दाश्त नही कर पाती।
ऐसे में आप के घरके किचन में मौजूद हिंग आप के शिशु के पेटदर्द को आसानी से ठीक कर सकता है। और आप की परेशानी को जल्द ही समाप्त कर सकता है।
छोटे बच्चों तथा नवजात शिशुओं को हिंग कैसे दें?
- यदि आप के नवजात शिशु को जोरों से पेटदर्द हो रहा है और आप का शिशु दर्द से काफी रो रहा है औ आप बहुत परेशान है तो आप को परेशान होने की बिलकुल जरूरत नही है। बस आप को आधा चम्मच हिंग लेकर उसे थोड़े गुनगुने पानी में मिलाना है। और उस की अच्छे से पेस्ट बना लेनी है। यदि आप के पास मस्टर्ड आयल या ओलिव आयल मौजूद है तो आप उसे भी हिंग की पेस्ट बनाने के लिए लें सकती है।
- अच्छी रथ से पेस्ट बना लेनर के बाद आप को यह पेस्ट अपने शिशु के पेट पर clockwise डायरेक्शन में हथेली को घुमा करअच्छे से लगानी है लेकिन ध्यान रहे आप के शिशु के नाभि की जगह आप को इस पेस्ट को नही लगाना है।
- इस के लिए आप शिशु के नाभि की जगह मुलायम रुई से ढंक कर नाभि के चरों तरफ हिंग की पेस्ट लगा देनी है। और इसे अच्छे से सूखने के लिए छोड़ दें।
- हिंग की पेस्ट लगाने के तुरंत बाद ही पेटदर्द कम नही होगा इस के लिए आप को थोडा इन्तजार करना पड़ता है। जो अमूमन कुछ देर बाद कम होकर ठीक हो जाता है।
- पेस्ट के सुख जाने के बाद आप शिशु को पीठ के बल कंधे पर उठाकर उसे डकार देने की अवश्य कोशिश करें। जिस से शिशु के शरीरमें मौजूद अतिरिक्त हवा बहर की और निकल जायेगी।
- फिर कुछ देर बाद आप शिशु के शरीर पर लगी सुखी हिंग की पेस्ट को अच्छे मुलायम कपडें को थोडा गीला कर पोंछ लें।
- ऐसे ही अगर आप का शिशु सर्दी-खांसी से परेशान है तो आप हिंग की पेस्ट शिशु के छाती पर लगा सकती है। जो सूखने के बाद तुरंत कार्य करती है।
छोटे बच्चों के लिए हिंग से जुड़ें कुछ सवाल
छोटे बच्चे का पेट फूल जाए तो क्या करना चाहिए?
जवाब :- अगर छोटे बच्चे का पेट फुल रहा है या पेट काफी दर्द कर रहा है जिस से बच्चा काफी रो रहा है .तो ऐसे में हमें घी, जैतून का तेल या सरसों के तेल में ( जो भी आसानी से उपलब्ध हो) हिंग को मिलकर उसका गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लेना चाहिए। यह तीनों चीजें ना मिलने पर गुनगुने पानी में भी मिलाकर आप हिंग की पेस्ट तैयार कर सकते है। पेस्ट तैयार हो जाने के बाद आप अपने शिशु के नाभि केंद्र को मुलायम रुई से अच्छे से ढक लें और नाभि की चारों ओर clockwise हथेली घुमा कर हिंग के पेस्ट को अच्छे से लगा लें। हिंग की पेस्ट के सूखने के बाद शिशु की गैस अच्छे से पास हो जाती है जिस से उस का पेटदर्द भी कम हो जाता है।
हींग का पेस्ट कैसे बनाएं?
जवाब :- आधा चम्मच हिंग लेकर उसे गुनगुने पानी में मिलाएं या आप इसे जैतून के तेल, सरसों के तेल अथवा घी में भी मिला सकते है। अच्छे से मिलाने क बाद आप के सामने हिंग का गाढ़ा पेस्ट तैयार हो जायेगा।
क्या छोटे बच्चों को हिंग खिलानी चाहिए?
जवाब :- जीं हाँ, आप छोटे बच्चे को हिंग खिला सकते हो, बशर्ते आप का बच्चा 10 माह के ऊपर की आयु का हों। नवजात शिशु तथा 8 माह के निचे बच्चों की इम्युनिटी सिस्टम अपरिपक्व होती है। लेकिन आप 10 माह के ऊपर के बच्चों को आहार में चुटकीभर हिंग डालकर खिला सकते हो। जिस से हिंग में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण बच्चे के शरीर में पाचन तंत्र को ठीक भी करता है और साथ ही अन्तालियों को साफ़ कर पाचनतंत्र के अवरोधों को भी हटाता है जिस से बच्चे की भूख भी बढती है।
अगर हिंग की पेस्ट लगाने के बावजूद आप के शिशु के पेटदर्द में आराम नही हो रहा है तो शायद शिशु के पेटदर्द का कई अन्य गंभीर कारण हो सकता है। ऐसे में आप को अपने फॅमिली डॉक्टर्स को सूचित करना चाहिए या आप किसी नजदीकी बालरोगतज्ञ से भी संपर्क कर सकते है।
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