अपने नवजात शिशु को सर्दी जुकाम से कैसे बचाएं?
क्या आप भी परेशान है अपने नवजात शिशु को सर्दी जुकाम होने से? तो जरूर पढ़िए हमारा यह article। इस आर्टिकल में हमने नवजात शिशु को सर्दी जुकाम से कैसे बचाएं और साथ ही नवजात शिशु को सर्दी जुकाम के घरेलु उपाय तथा सर्दी जुकाम की अंग्रेजी दवा बच्चों के लिए के बारें में विस्तार से बताया है। साथ ही इस आर्टिकल में बच्चों में सर्दी जुकाम से निमोनिया कैसे होता है? (nimoniya kaise hota hai) , बच्चों में निमोनिया के लक्षण (nimonia ke lakshan) क्या होते है? याने pneumonia symptoms in hindi के बारें में भी विस्तार से बताया गया है, जो आप के और आप के शिशु के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
सदियों से चला आ रहा है यह myth।
जो हाल ही में मां बनी है , जिस ने अभी अभी शिशु को जन्म दिया है। उन्होंने एक बात ऐसी सुनी होगी अपने घर के बड़े बुजुर्गों से, या अपने relative से , या अपने friend circle से जिस से उनको कभी कभी gulty भी फील होता होगा।
लेकीन यह बात कभी scientifically prove नहीं हो पाई है, कि एक ऐसा मिथ जो सदियों से नवजात बेबी के जन्म के साथ बोलना शुरू हो जाता है, की नवजात शिशु को सर्दी जुकाम होने का reason मां होती है। इसका scientific reason यह है की Pregnency के दौरान एक मां के शरीर से काफ़ी blood loss हुआ होता है। इसलिए उसके शरीर को गर्मी की जरूरत होती है। यदि वह कोई ठंडी चीज़ खाती है या ठंडे पानी से नहाती है तो chances होते की उसको सर्दी या जुकाम हो जायेगा। जिस के चलते माँ के साथ रहने वाले बच्चे को भी इन्फेक्शन होने के चांसेस बढ़ जाते है।
नवजात शिशु को सर्दी जुकाम मां के जरियें कैसे हो सकता है?
एक शिशु अपने मां के है संपर्क में ज्यादा रहता है जिस के कारण मां की सर्दी जुकाम से infected हो सकता है। लेकीन “मां के कुछ ठंडे खाने से या ठंडे पानी से नहाने से बच्चे को सर्दी जुकाम हो जायेगा यह एक myth है।” लेकीन आपको यह जरूर खयाल रखना है कि आप को सर्दी या जुकाम ना हो।
नवजात शिशु को सर्दी जुकाम के घरेलू उपाय।
वैसे तो नवजात शिशु को सर्दी जुकाम की समस्या आम होती है। आपको यह समझना होगा कि 0 से 12 month तक बच्चे को 8 से 10 बार सर्दी जुकाम होना यह आम बात है। लेकीन यह समस्या मां और बच्चे दोनों को काफ़ी परेशान करती है। पहले आप को यह समझना होगा कि वह ऐसे कौन से reason है जी से बच्चे को सर्दी जुखाम की समस्या होती है। आओ जानते है ऐसे reason जिस से बच्चे को सर्दी जुकाम वाली समस्याओं से जूझना पड़ता है।
नवजात शिशु को सर्दी जुकाम के यह होते है reason।
- किसी तरह बच्चे का गिला रहना।
- किसी viral infected व्यक्ति के contact में आने से।
- Second hand smoke यह भी एक प्रमुख reason हैं।
- मौसम के बदलाव के कारण।
1. किसी तरह बच्चे का गिला रहना।
यह एक ऐसा reason है जिस को आमतौर पर सभी parents ignore कर देते है। या उस पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। वह ये है कि बच्चा किसी भी reason से थोड़ा गीला रह जाएं। तो बच्चे को सर्दी होने का chance रहता है। जैसे यदि हमने बच्चे को कोई cotton की napi पहनाई है जो काफी डरसे गीली हो गई है। इस से क्या होगा कि गीली napi बच्चे के body temprature को कम करती है। जिस से नवजात शिशु को सर्दी जुकाम होने के chances होते है।
2. किसी viral infected व्यक्ति के contact में आने से।
दूसरा और महत्वपूर्ण reason है कि घर के किसी सदस्यों से भी बच्चे को infection होता है। जैसे घर में किसी व्यक्ति को सर्दी जुकाम है या किसी को viral infection है और वह बच्चे के संपर्क में आया है तो इस वजह से भी नवजात शिशु को सर्दी जुकाम की समस्या हो सकती है।
3. Second hand smoke यह भी एक प्रमुख reason हैं।
यदि आप के घर में कोई smoke करता है। और वह smoke कर के आकर यदि बच्चे को उठाता है या गोदी में लेता है तो उसके शरीर पर जो smoke particles होते है वह बच्चे को infect कर सकते है।
4. मौसम के बदलाव के कारण
मौसम के बदलाव के कारण भी नवजात शिशु को सर्दी जुकाम की समस्या देखी जा सकती है। या बच्चा घर पर AC या COOLAR में रह रहा है। और फिर हम किसी relative के यहां जाते है। जहा का temprature थोड़ा ज्यादा होता है। इस temprature के disbalance से भी बच्चों को सर्दी जुकाम की परेशानी होती हैं।
नवजात शिशु को सर्दी जुकाम घरेलू उपाय के 7 easy steps।
मां का दूध ही है सबसे बड़ी दवा
नवजात शिशु से 6 माह के शिशु तक खाने पीने मे कुछ ना दे। मां के दूध में ही पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी होती है जो बच्चे की immunity को बढ़ाती है।
लहेसुन और अजवायन
नवजात शिशु को सर्दी जुकाम के लिए आप लहसुन और अजवायन को तवे पर सेंक लें। और इसे tait कपड़े में बांध कर इसकी पोटली बना लें। इस पोटली को शिशु के पास रख दे। जिस से इसकी महक से शिशु को बंद नाक और सांस लेने के तकलीफ़ से राहत मिलेगी। ध्यान रखे शिशु इसे मुंह में ना ले।
सरसों का तेल और लेहसुन
सबसे पहले सरसों के तेल में लहसुन को कददूकस कर के या कुचल के गर्म कर लें। और ठंडा होने पन यह तेल शिशु के गले पर, छाती पर और शिशु के पैरों के तलवे पर लगाए। इस से नवजात शिशु का जुकाम और खासी ठीक होकर शिशु को राहत मिल सकती है। या इस से शिशु को मालिश कर सकते है।
तुलसी के पत्ते और आजवायन
तुलसी के पत्ते तोड़कर उस अच्छी तरह से कुचलकर पिसे हुए अजवाइन के साथ पानी में डालकर उबाल लें। इस पानी को बच्चे के सीने पर लगाए। इस पानी की एक या डी बूंदे आप अपने शिशु को पिला भी सकती है।
तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्तों के रस की एक दो बूंदे आधा चम्मच मां के दूध में मिलाकर बच्चे को देने से बच्चे का जुकाम और कफ ठीक होता है। यह काफी असरदार उपाय है।
शहद और अदरक
नवजात शिशु को सर्दी जुकाम है तो मां को शहद में अदरक के रस को मिलाकर खाना चाहिए। या फिर येष्टिमधू का सेवन करना चाहिए। मां यदि यह सेवन करेगी तो उसके कुछ तत्व मां के दूध के साथ बच्चे को भी मिलेंगे। जिस से उसकी खासी और जुकाम ठीक हो सकता है।
शहद और हल्दी
पानी में हल्दी और थोड़ा शहद मिलाकर उसका लेप तैयार कर लें और ठंडा होने के बाद बच्चे के गर्दन और सीने पर लगाए। उस से भी बच्चे को सर्दी खांसी और जुकाम से काफ़ी आराम मिलता है।
अगर गर्मियों के दिन बच्चे को सर्दी और जुकाम हो जाए तो आप यह कारगर उपाय कर सकते हो। एक छोटे बाउल में पानी लें और उसमें थोड़ा ginger powder (सूखे अदरक का पाउडर) और थोड़ी दालचीनी डालकर पानी को उबाल लें। फिर पानी को ठंडा कर के उसमे cotton का कपड़ा डुबोएं। और उसकी पट्टी बनाकर शिशु के नाक पर रखें। इसे दिन में दो से तीन बार करें। इस से नवजात शिशु को सर्दी और जुकाम से काफी जल्दी राहत मिलती है।
नवजात शिशु के बंद नाक खोलने के उपाय
नवजात शिशु को सर्दी जुकाम से नाक बंद हो जाने के बाद काफी परेशानी होती है। बच्चा काफी रोता भी है। बच्चे को दूध पीना तकलीफ़ होती है इसलिए वह अच्छे से feeding नहीं कर पाता। और बच्चे को देख कर parents को भी परेशानी होती है। और बच्चे को हम कुछ दे भी नहीं सकते। इस के लिए कुछ आसान लेकिन कारगर उपायों हम आजमा सकते है।
बंद नाक खोलने के लिए भांप देना है कारगर उपाय।
बाथरूम मे गरम पानी का नल खोलकर आप बच्चे को लेकर 10 से 15 मि बैठ जाइए। या फिर एक बर्तन में गर्म पानी कर cotton के कपड़े को उसमे डाल दे। फिर कपड़े को बर्तन के बाहर निकालकर उसे अच्छे से निचोड़ लें। और वह कपड़े थोड़ी देर बच्चे के नाक पर रखें। ध्यान रहे कि कपड़ा ज्यादा गर्म ना हो। जिस से बच्चे की skin hurt हो सकती है।इस से यह होगा की बच्चे के नक में को mucles जमा हो गए है वह थोड़े ढीले हो जाएंगे। और बच्चा आसानी से सांस के पाएगा।
बच्चों के nose में 2 से 3 बूंद सरसों का तेल (mustered oil) आप डाल सकते हो। यह काफ़ी पुराना तरीका है जो काफी effective भी है। जिसे बच्चे को जल्दी आराम मिलता है।
सर्दी जुकाम की अंग्रेजी दवा बच्चों के लिए
अगर आप का शिशु 3 माह के ऊपर हो गया है और सर्दी जुकाम के साथ बुखार सभी ग्रस्त है तो आप को अपने डॉक्टर्स की सलाह से अपने शिशु को पैरासिटामोल सिरप दे सकते है, और साथ ही आप डॉक्टर्स के सलाह से saline drop या nasal drop का भी इस्तेमाल कर सकते है। या फिर आप डॉक्टर्स के पास जाकर nebulizer का भी इस्तेमाल कर सकते है।
क्या होते है बच्चों में निमोनिया के लक्षण (nimonia ke lakshan)
निमोनिया के लक्षण जानकर यदि समय पर इस पर इलाज होना अनिवार्य होता है। निमोनिया के लक्षणों की अनदेखी कर देना हमारे बच्चे के लिए काफ़ी हानिकारक हो सकता है।
- छोटे बच्चों को अक्सर निमोनिया हो जाता है। ज्यादातर सर्दियों के मौसम में निमोनिया होने के chances बढ़ जाते है। Otherwise निमोनिया किसी भी मौसम में हो सकता है।
- अक्सर लोग सोचते है कि बच्चों को सर्दी जुकाम को ही निमोनिया समझते है। यह सही नहीं है। लेकीन आमतौर पर सर्दी जुकाम से निमोनिया की शुरवात हो सकती है।
- निमोनिया(Pneumonia) क्या है।Lungs में होनेवाले infection को निमोनिया कहते है। जिस मे lungs में सुजन आ जाती है। जिस से बच्चे को खासी और जुकाम होता है और सांस लेने में भी तकलीफ़ होती है।
- Normally निमोनिया सर्दी बुखार होने के बाद होता है।ज्यादा तर निमोनिया bacterial, fungal और viruses के infection से होता है।बच्चों को निमोनिया होना एक normal सी बात हो गई है।लेकिन समय रहते इसका सही इलाज नहीं किया जाय तो बच्चे के लिए काफी dangerous हो सकता है।
निमोनिया के लक्षण।
जब बच्चे को तेज बुखार हो, जब बच्चे के ज्यादा ठंड लग रही हो, जब बच्चे को खांसी आती हो, जब बच्चे को भूख ना लग रही हो, जब बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होती हो, और जब बच्चे का सर्दी, खांसी, जुकाम 5-6 दिनों में ठीक ना हुआ हो तो यह सारे लक्षण निमोनिया के होते है।
निमोनिया (pneumonia) का इलाज
अगर हम निमोनिया के इलाज के बात करें तो लक्षण दिखते ही हमें बच्चे को तुरंत डॉक्टर्स के पास ले जाना चाहिए। इसमें डॉक्टर पहले check करते है फिर blood test करने को कह सकते है।अगर बच्चे को bacteria के through निमोनिया हुआ है तो डॉक्टर्स बच्चे को antibiotics देते है जिस से बच्चा 2 या 3 week के अंदर ठीक हो जाता है। लेकीन viral से होने वाले निमोनिया को ठीक होने में थोड़ा time लगता है। जिस मे डॉक्टर्स जरूरत पड़ने पर nebulizing के लिए बोल सकते है। जिस मे neubulize कर के कफ को निकाला जाता है।
बच्चों को निमोनिया (pneumonia) से बचाने के लिए हम क्या क्या कर सकते है।
बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए सब से जरूरी है कि हम बच्चे का टीकाकरण समय समय पर जरूर करवाएं। PCV, HIB, diptheria और काली खांसी के टीके बच्चे को जरूर लगवाए। यह टिके बच्चे को बीमारियों से बचाने के लिए काफी important होते है।
बच्चे को निमोनिया और दूसरी बीमारियों से बचाने के लिए बच्चे को six month तक breast feed ही करवाए। मां का दूध बच्चे को कई तरह के रोगों से लड़ने की क्षमता देता है। और बच्चे की immunity को बढ़ाता है।
जो लोग सर्दी खासी जुकाम से घिरे है। बच्चे को उनके पास कभी नहीं ले जाना चाहिए। बच्चे की immunity कम होती है इसलिए वह बहुत जल्दी infected हो सकते है।अगर बच्चे में निमोनिया के लक्षण पाए जाते है तो बच्चे को तुरंत डॉक्टर्स के पास ले जाए।
- Hemoglobin Levels in Babies: Understanding and Boosting Hemoglobin in Children
- Nurturing Young Minds: 10 Tips for Parents to Enhance their Child’s Intellectual Development
- बच्चों में भूख की कमी के क्या है कारण लक्षण और घरेलु उपाय ?
- जाने बच्चों में टाइफाइड के लक्षण (typhoid ke lakshan) और उपाय
- नवजात शिशु को सर्दी जुकाम से कैसे बचाएं? जानें घरेलू उपाय के 7 easy steps।
आपको नवजात शिशु को सर्दी जुकाम से कैसे बचाएं? यह आर्टिकल कैसा लगा हमें जरूर बताएं। आपके हमारे लिए कुछ suggestions हो तो वह भी हमें comment box में कॉमेंट्स कर जरूर बताए।