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बच्चों में सूखा रोग कैसे होता है? क्या है कारण और लक्षण। जानिए 7 easy घरेलू उपाय।

बच्चों में सूखा रोग कैसे होता है? क्या है कारण और लक्षण।

 

बच्चों में सूखा रोग
बच्चों में सूखा रोग

बच्चों में होनेवाला सूखा रोग क्या है? और बच्चों में सूखा रोग कैसे होता है किन कारणों की वजह से होता है। बच्चों में सूखा रोग के लक्षण क्या होते है? इस के साथ इस आर्टिकल में जानेंगे बच्चों में सूखा रोग का उपचार क्या है। साथ ही बच्चों में सूखा रोग की दवा और बच्चों के सूखा रोग का घरेलू उपचार क्या है? इन सभी प्रश्नों को विस्तार से जानेंगे।

इस आर्टिकल में हम लोगों के द्वारा सूखा रोग के बारे में पूछे गए प्रश्नों के जवाब देने की भी कोशिश करेंगे। जैसे kwashiorkor और सूखा रोग के बीच का अंतर क्या है?, सूखे की बीमारी की दवा बताइए?, सूखा रोग किस के अभाव के फलस्वरूप होता है?, सूखा रोग की जड़ी बूटियां क्या है? सूखा रोग के घरेलू टोटके या उपाय क्या है?

बच्चों में होनेवाला सूखा रोग क्या है?

सुखा रोग जिसे मसान रोग और Rikets भी कहते है। Rikets बच्चों में पाए जाने वाली एक ऐसी स्थिति है जो बढ़ती हड्डियों को कमज़ोर नरम और भन्गुर बना देता है। हड्डियों में टेढापन लाता है। जिस मे बच्चे के दांत, हाथों और पैरों की हड्डियां ,पसलियां अजीब ढंग से शरीर के बाहर दिखती है। हड्डियों और मासपेशियों में दर्द होता है। सूखे रोग से बच्चे का शरीर सुखने लगता है। और बच्चे का पेट बाहर की तरफ़ निकला हुआ दिखता है। बच्चे कुपोषण का शिकार होते है।

हमारे देश मे इस सूखा रोग के बारे में समाज में कई गलत धारणाएं और अंधश्रद्धाएं प्रचिलत थी। और सही तरीक़े से इलाज ना होने पर कई बच्चे इसका शिकार हो जाते थे। आज भी कुछ जगहों पर इस रोग के बारे में गलत धारणाएं प्रचलित हैं। ऐसी धारणाओं का समाप्त होना और Rikets के प्रति जनजागृति होना जरूरी है।

बच्चों में सूखा रोग कैसे होता है? क्या है कारण।

बच्चों में सूखा रोग विटामिन डी, कैल्शियम और फास्फोरस की कमी के कारण होता है। इस रोग में हड्डियों का विकास रुक जाता है। बच्चा खाना तो खाता है लेकिन उसका शरीर सुखने लगता है। हमारे शरीर में हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है और कैल्शियम को absorb करने के लिए विटामिन डी की जरूरत होती है। जब बच्चेमें विटामिन डी की कमी आ जाती है तो उसका शरीर कैल्शियम और फास्फोरस absorb नहीं कर पाता। जिस के कारण बच्चों में सूखा रोग होने के chances बढ़ जाते है।

कुछ स्थितियों में जेनेटिक स्थितियां भी इस के लिए जिम्मेदार हो सकती है। यह भी बच्चों में सूखा रोग का एक प्रमुख कारण हो सकता है।

Pregnency के समय मां को पर्याप्त आहार ना मिला हो जिस के कारण मां के शरीर में विटामिन डी और कैल्शियम की कमी पाई गई हो तो बच्चों में सूखा रोग का यह एक कारण हो सकता है।

बच्चों में सूखा रोग के लक्षण क्या होते है

बच्चों में सूखा रोग हम किस तरह से detect के सकते है? सूखा रोग के क्या लक्षण होते है जिसे देखकर हम समझ पाए कि बच्चा सूखे रोग से ग्रस्त हुआ है। आओ जानते है।

  1. बच्चों में विटामिन डी के साथ कैल्शियम और फास्फोरस की कमी के कारण बच्चों की हड्डियां develope नहीं हो पाती जिस के कारण हड्डियां कमज़ोर और नर्म रह जाती है। जिस के कारण बच्चे में होनेवाली क्रियाओं में देरी हो सकती है। जैसे चलना, दौड़ना, खेलना कूदना ऐसी activity में देरी आ सकती है।
  2. बच्चोंके हड्डियों में शिथिलता आ जाती है। और बच्चे हड्डियों में दर्द भी महसूस करते है। हड्डियां मजबूत ना बन पाने के कारण आसानी से टूट भी सकती है।
  3. बच्चों में सूखा रोग के कारण हाथ और पैर के कोनों कि हड्डियां शरीर के बाहर दिखती है। हड्डियों का विकास रुक जाता है। शारीरिक कमजोरी बढ़ जाती है। हाथ और पैर की हड्डियां सुखी हुई दिखती है।
  4. बच्चों में सूखा रोग के कारण पेट आसामान्य रूप से बाहर दिखता है। बच्चे की आंखे खोल दिखती है। पूरा शरीर सूखा हुआ लगता है।
  5. सूखा रोग में कैल्शियम के कमी के कारण मांसपेशियों मे खिंचाव, मासपेशियों में कमजोरी आ जाती है। मांसपेशियों में दर्द साथ साथ पेल्सिव में भी दर्द बढ़ता है।
  6. कमज़ोर हड्डियों के साथ बच्चे का शारीरिक विकास रुक जाता है साथ ही cattle की भी विकृति बढ़ती है।

बच्चों में सूखा रोग का उपचार क्या है

स्पष्ट तौर पर हम जानते है कि बच्चों में सूखा रोग विटामिन डी और विटामिन डी 3 की वजह से हो सकता है। हमारे आहार में मौजूद पोषणतत्व कैल्शियम और फास्फोरस को हमारे आंतो से obsorb कर अमारे शरीर के विभिन्न हिस्सों तथा हड्डियों तक पहुंचाने का काम विटामिन डी करता है। अगर शरीर मे विटामिन डी की मात्रा कम हो जाए तो सूखा रोग का खतरा बढ़ता है। यह तो हम जन गए है।और सूखा रोग के लक्षणों को भी पहचान गए है।

अब हम सूखा रोग किस उपायों से दूर कर सकते हैं इसके उपाय क्या है। इस के घरेलू उपाय होते है या नहीं हमें अपने बच्चे को डॉक्टर्स को कब दिखाना चाहिए। तथा बच्चों में सूखा रोग ना हों इसके लिए बच्चों के शरीर में विटामिन डी को बढ़ाने के लिए हमें क्या कुछ करना चाहिए। यह जानेंगे।

बच्चों में सूखा रोग ना हों इसके लिए उपाय।

  • Rikets (सूखा रोग) बच्चों में पाए जाने वाला एक विकार है जिस पर ध्यान न दिया जाए तो यह एक विकृति हो सकती है। बच्चों को rikets ना हो इस के लिए हमें पहले से ही कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
  • Pregnancy के दौरान मां को अपने आहार में पोषक तत्वों को शामिल करने की जरूरत होती है। जिस से उस के आनेवाले शिशु को पर्याप्त पोषक तत्व मिल सकें।
  • मां के दूध में विटामिन डी की कमी होती है। इसलिए हमे शिशु को पर्याप्त विटामिन डी मिल सके इसलिए सुबह की धूप में बच्चे को 10 से 15 मिनट तक रखें। सूरज की धूप विटामिन डी का एक अच्छा स्त्रोत है।
  • बच्चों में सूखा रोग की समस्या ना हो इसलिए हमें विटामिन डी, कैल्शियम, और फास्फोरस युक्त आहार बच्चों के diet में शामिल करें । जैसे दूध, अंडे, सैमेन मछली, मशरूम, सोया फूड्स आदि।
  • आप अपने नवजात शिशु की मालिश नियमित रूप से करे।

बच्चों में सूखा रोग के घरेलू उपाय।

यदि आप के बच्चों में सूखा रोग के लक्षण पाए जाते है तो आप तुरंत नीचे दिए गए घरेलू उपायों को आप आजमा सकते है।

बकरी का दूध

 बकरी के दूध में कैल्शियम और फास्फोरस की मात्रा अधिक होती है। यदि आप अपने बच्चे को दिन में दो बार बकरी का दूध दें तो सूखा रोग ठीक होने मै काफी मदद मिलती है।


टमाटर का रस

अगर आपका बच्चा सूखे रोग से ग्रस्त है तो आप अपने बच्चे को रोजाना एक कप टमाटर का रस जरूर पिलाएं।


पपीते का रस

यदि आप अपने बच्चे में rikets के लक्षण पाते है तो अपने बच्चे को रोजाना सुबह श्याम 2 चम्मच पपीते का रस जरूर पिलाए।


बादाम

 बादाम में कई सारे vitamins मौजूद है। रात को बादाम को भिगोकर रखें और सुबह इसे पीस कर दूध में मिलाकर बच्चों को दे।


चूर्ण

 समान मात्रा में पीपल, नागरमोथा, अतिश, काकड़ा सिंगी को मिलाकर चूर्ण बना लें। थोड़ा थोड़ा चूर्ण शहद के साथ बच्चों को खिलाने से भी बच्चों में सूखा रोग ठीक होता है।


सौंफ का अर्क

 सौंफ को भिगोकर उसका अर्क निकाल लें और उस में छोटी पीपल को घिसकर बच्चे को नियमित चटाने से भी सूखा रोग ठीक होता है।


अंगूर का रस

बच्चों में सूखा रोग का एक सब से असरदार घरेलू उपाय यह है कि आप अपने बच्चे को रोजाना अंगूर का रस पिलाए।


बच्चों में सूखा रोग के उपचार।

बच्चों में सूखा रोग के लक्षण दिखने पर हमें डॉक्टर्स से जांच कर लेनी चाहिए। डॉक्टर जांच करते समय बच्चों के शारीरिक अंगो का निरीक्षण कर rikets है या नहीं इस का निदान कर सकते है। या कुछ परीक्षणों द्वारा भी उसका निदान संभव है।

Blood test (रक्त की जांच)

अगर डॉक्टर्स आप के बच्चे में rikets की संभावनाओं को देखते हुए आप को blood test करने के लिए कह सकते है। जिस मे बच्चे के रक्त की जांच कर उसमे मौजूद विटामिन डी, कैल्शियम और फास्फोरस की मात्रा को नापा जाता है।

x-ray ( एक्स रे)

x-ray में आप के शिशु की छाती, खोपड़ी तथा हात पैरों की रचना को देखा जा सकता है। उस में होनेवाले बदलाव और हड्डियों में कैल्शियम की कमी की जांच हो सकती है। जिस से डॉक्टर्स आप के बच्चों में सूखा रोग होने संभावनाओं को खारिज या पुष्टि कर सकते है।

जांच के बाद यदि आप के बच्चों में सूखा रोग का निदान होता है तो डॉक्टर्स की निगरानी में इसका इलाज संभव होता है। और डॉक्टर्स आप को उचित टिप्स बताकर आप के बच्चों को इस प्रॉब्लम से छुड़ा सकते है।

आपके सवाल।

kwashiorkor और सूखा रोग के बीच का अंतर क्या है?
kwashiorkor और सूखा रोग यह दोनों कुपोषण के ही रोग होने के बावजूद इन के लक्षणों में काफी भिन्नता होती है। इसलिए kwashiorkor और सूखा रोग यह भिन्न रोग होते है। कभी कभी बच्चों मै यह दोनों ही पाए जा सकते हैं। सुखरोग में बच्चों में खास तरह की झुर्रियां दिखती नजर अति है तो kwashiorkor में बच्चों का शरीर पूरी तरह से सुजन महसूस करता है। kwashiorkor में बच्चों को आंखों की निष्क्रियता बढ़ती जाती है तो सूखा रोग में ऐसा देखने को नहीं मिलता। सूखा रोग मे बच्चों की आंखें निष्क्रिय नहीं होती बल्कि आंखो की चमक बरकरार रहती है। kwashiorkor में बच्चों को भूख का एहेसास नहीं होता है और बच्चों को खाना खिलाना काफी मुश्किल मालूम पड़ता है। बच्चों को खाना खाने का बिल्कुल मन नहीं करता। लेकिन सूखा रोग मे बच्चा आसानी से खाना खाता है।
सूखे की बीमारी की दवा बताइए?
बच्चों में सूखा रोग मे सब से कारगर औषधि है Abrotanum. इस medicine द्वारा बच्चे का आंतरिक और बाह्य दोनों तरीक़े से इलाज संभव है। यदि Abrotanum की मात्रा से 10 गुना अधिक मात्रा मे सरसों के तेल में Abrotanum को डाल कर बच्चों की दिन में दो बार मालिश करें। पानी की एक चौथाई मात्रा में Abrotanum के 2 -3 बूंद डालकर बच्चों को दिन में 2 से 3 बार पिलाएं।
सूखा रोग किस के अभाव के फलस्वरूप होता है?
बच्चों में सूखा रोग विटामिन डी, कैल्शियम और फास्फोरस अभाव के फलस्वरूप होता है। इस रोग में हड्डियों का विकास रुक जाता है। बच्चा खाना तो खाता है लेकिन उसका शरीर सुखने लगता है। हमारे शरीर में हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है और कैल्शियम को absorb करने के लिए विटामिन डी की जरूरत होती है। जब बच्चेमें विटामिन डी की कमी आ जाती है तो उसका शरीर कैल्शियम और फास्फोरस absorb नहीं कर पाता। जिस के कारण बच्चों में सूखा रोग होने के chances बढ़ जाता है।

 

बच्चों में सूखा रोग
बच्चों में सूखा रोग

 

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