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15 ऐसे Important प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण जों आप के लिए जानना है आवश्यक !

प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण कैसे पहचाने? यह सवाल हर उन महिलाओं के दिलों दिमाग में आता है जो महिलाएं शादी के बाद पहली बार माँ बने का सपना देखती है। वे महिलाएं जो पहली बार माँ बनने जा रही हैं, अज्ञान वश इन लक्षणों को पहचान नहीं पाती हैं या फ़िर देखकर भी अनदेखा कर देती हैं। इसलिए हमारा यह आर्टिकल उन महिलाओं के लिए है जो प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण (pregnancy symptoms in hindi) कैसे पहचाने? इस सवाल का जवाब जानने की उत्सुक है।

प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण
प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण

क्या होते है प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण? (pregnancy ke shuruati lakshan)

पहले तो हमें इस बात को समजना होगा की हर स्त्री या महिला भिन्न होती है, या उनके दैनंदिन रूटीन काफी अलग हो सकते है इस लिए हर महिला में दिखनेवाले pregnancy के लक्षण दूसरी महिलाओं के प्रेगनेंसी लक्षणों से काफी भिन्न हो सकते है, या हम यह कहे की होते है।

यहाँ तक की पहली बार प्रेग्नेंट होनेवाली महिला के लक्षण उस के दूसरी बार प्रेग्नेंट होने पर भिन्न हो सकते है। जरुरी नहीं की आपकी पहली प्रेगनेंसी में जो लक्षण आपको दिखाई दिए हों वही लक्षण आपकी दूसरी प्रेगनेंसी में भी दिखाई दें।  प्रेगनेंसी के लक्षणों में कभी भी similarity नहीं रहती है। इस बात को आप को समझना होगा। इसलिए हमारे द्वारा बताएं गये सभी प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण सभी महिलाओं में दिखना नामुमकिन है। इस में से हर महिलाओं में कुछ लक्षण हम देख सकते है।

  1. पीरियड्स मिस होना 
  2. इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग
  3. वेजाइनल डिस्चार्ज 
  4. उल्टी या मितली आना
  5. ब्रेस्ट हैवी होना
  6. निप्पल का रंग डार्क होना 
  7. बार-बार टॉयलेट जाना
  8. किसी चीज़ के प्रति तीव्र इच्छा
  9. मूड़ स्विंग होना
  10. कब्ज की शिकायत होना
  11. शरीर का तापमान बढ़ना
  12. थकान, सिरदर्द और चक्कर आना
  13. पीठ दर्द होना
  14. मुँह का स्वाद बदलना
  15. सांस लेने में दिक्कत होना

पीरियड्स मिस होना 

आमतौर पर शादी के बाद रेगुलर पीरियड्स रहनेवाले महिलाओं में प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण अधिक बार देखा जाता है। इसलिए अगर आप शादीशुदा है और सेक्सुअल एक्टिविटीज को फॉलो करती है। और अचानक से आप के पीरियड्स रुक जाएँ या मिस हो जाएँ तो आप हॉस्पिटल में जाकर अपनी pregnancy test करवा सकते है या आप pregnancy test kit की हेल्प से अपने घर पर ही pregnancy test करवा सकते है।

इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग

इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग को अच्छे से समझने की आवश्यकता है, क्यों की यह ब्लीडिंग आपके पीरियड्स की एक्सपेक्टेड डेट के आस-पास ही होती है। और कई महिलाएं जो पहिली बार प्रेग्नेंट रहती है वह इसे सामान्य पीरियड्स समझ सकती है। लेकिन पीरियड्स और इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग में फर्क होता है। ब्लीडिंग आपके नॉर्मल पीरियड की अपेक्षा बहुत कम होती है और सिर्फ़ एक या दो दिन के लिए ही होती है। जब एग गर्भाशय के लाइनिंग पर पहुँच कर भ्रूण बनना शुरू होता है तब उसे इम्प्लांटेशन कहाँ जाता है, और उस टाइम जो ब्लीडिंग होती है उसे इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग कहाँ जाता है।

इसलिए पहली बार प्रेग्नेंट रहने वाली महिलाओं को सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। अगर आप को इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग हो रही है तो उस के बाद आप के लिए जरुरी है की अपनी pregnancy test जरुर कराएँ।

वेजाइनल डिस्चार्ज

पहले के मुकाबले वेजाइनल डिस्चार्ज का ज्यादा बढ़ना भी आपकी प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण हो सकता है। यह डिस्चार्ज पहले की अपेक्षा अधिक गाढ़ा, सफ़ेद और चिपचिपा होता है। लेकिन यदि आपके वेजाइनल डिस्चार्ज में बदबू, जलन और खुजली महसूस हो रही है तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

उल्टी या मितली आना

उल्टी या मितली आना यह एक आम शिकायत होने के साथ साथ प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण में से भी एक है। अमूमन हर महिला को प्रेगनेंसी के शुरुआती महीनों में उल्‍टी होती ही है। इस समय उल्‍टी और मतली होने को मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है। इसका स्‍पष्‍ट कारण पता नहीं चल पाया है। एक थ्‍योरी के मुताबिक, गर्भावस्‍था के दौरान शरीर में आने वाले हार्मोनल बदलावों के कारण ऐसा होता है।

दिन या रात में किसी भी समय प्रेगनेंट महिला को एनवीपी की दिक्‍कत हो सकती है। हालांकि, अधिकतर महिलाओं को प्रेगनेंसी की पहली तिमाही तक ही यह दिक्‍कत रहती है लेकिन कुछ मामलों में यह परेशानी तीसरी तिमाही तक भी रह सकती है।

ब्रेस्ट हैवी होना

ब्रैस्ट का हैवी होना या ब्रैस्ट में दर्द होना भी प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण हो सकता है। क्योंकि,आपका शरीर गर्भ में बढ़ते शिशु को संभालने के लिए तैयार हो रहा होता है, तो इस दौरान यह अधिक मात्रा में ईस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टीरोन हॉर्मोन का उत्पादन करता है।

हॉर्मोनों के बढ़ने के प्रभाव के साथ-साथ ब्रैस्ट बड़ें होते जाते है। और दुग्ध ग्रंथियां कई गुणा बढ़ जाती हैं और रक्त का संचरण भी बढ़ता है। ये बदलाव आपके द्वारा जन्म लेने वाले शिशु को स्तनपान करवाने के महत्वपूर्ण होता है।

निप्पल का रंग डार्क होना

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि स्तन के आकार में वृद्धि के साथ निप्पल का डार्क यानी काला होना प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण हैं। हार्मोन के प्रभाव और उसके लेवल में होने वाले उतार-चढ़ाव के कारण,त्वचा में मेलेनिन का उत्पादन बढ़ने लगता है। यह आमतौर पर उन क्षेत्रों में ज्यादा स्ट्रॉन्ग होता है, जहाँ मेलेनिन पहले से ही उच्च मात्रा में मौजूद होता है,जिसमें निप्पल भी शामिल होते हैं। यह एक सामान्य बदलाव है जिसे डरने की जरूरत नही है।

बार-बार टॉयलेट जाना

प्रेगनेंसी के दौरान कई लक्षण ऐसे होते हैं जो महिलाओं को शारीरिक रूप से थकान देते हैं और इनमें से एक है बार-बार टॉयलेट आना। pregnancy के  दौरान पूरे शरीर में रक्‍त प्रवाह ज्‍यादा और अधिक तेजी से होता है। हार्मोनल बदलाव किडनी में तेजी से रक्‍त संचार करते हैं। जिस से महिलाओं को बार बार टॉयलेट जाना पड़ता है।

किसी चीज़ के प्रति तीव्र इच्छा

Pregnancy के दौरान महिलाओं की डाइट बढ़ना, किसी विशेष खाने के प्रति भाव जागृत होना , या किसी चीज के प्रति आकर्षण बढ़ कर उसे बार बार खाने की तिव्र इच्छा होना स्वाभाविक होता है।

मूड स्विंग होना

प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण में यह एक स्वाभाविक लक्षण होता है जो अमूमन सभी प्रेग्नेंट महिलाओं में देखा जा सकता है। ऐसा हार्मोन्स के बदलाव के कारण होता है। प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरिर में हार्मोन्स काफी तेजी से बदलते है, जिस से उनका मूड भी काफी तेजी से बदलते दीखता है। जैसे की अचानक से ख़ुशी जाहिर करना और पल भर में ही ग़ुस्सा होना, या दुखी होना। यह pregnancy का आम और सामान्य लक्षण है।

 कब्ज की शिकायत होना

प्रेगनेंसी के दौरान जब हार्मोनल में तेजी से बदलाव होता है उस का सब से ज्यादा असर महिलाओं के पाचनसंस्था पर होता है जिससे उन की पाचन क्रिया काफी धीमी हो जाती है। जिस से महिलाओं को कब्ज की शिकायत का सामना करना पड़ता है।

शरीर का तापमान बढ़ना

शरीर के तापमान का बढ़ना भी आपके गर्भवती होने की तरफ इशारा करता है। जब आप पहली बार ओव्यूलेशन के बाद सुबह उठती हैं तो आपके शरीर का तापमान थोड़ा बढ़ा होता है। अगर यह तापमान दो सप्ताह से अधिक समय तक रहता है तो समझ लीजिए कि आप प्रेगनेंट हो चुकी हैं।

थकान, सिरदर्द और चक्कर आना

प्रेगनेंसी के दौरान चक्कर,थकान, सिरदर्द सामान्य है और तकरीबन 75 प्रतिशत तक गर्भवती महिलाएं इससे किसी न किसी हद तक प्रभावित होती हैं।  प्रेगनेंसी के दौरान हॉर्मोन प्रोजेस्टीरोन आपकी रक्त वाहिकाओं की दीवारों को शिथिल बना देता है, जिससे ब्लड प्रेशर कम होने लगता है। जिस से प्रेगनेंसीके दौरान महिलाओं में यह समस्या होती है।

पीठ में दर्द होना

प्रेगनेंसी में पीठ व कमर दर्द होना एक आम बात है। महिलाओं की हड्डियां और जोड़ अस्थिबंध (लिगामेंट) नामक सख्त उत्तकों से जुड़े होते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान रिलैक्सिन नामक हॉर्मोन आपके अस्थिबंधों को शिथिल बना देता है। और साथ ही प्रेगनेंसी में आपके बल के सेंटर में भी बदलाव आता है और इस वजह से अवस्था भी बदलती है। महिला का बढ़ता हुआ गर्भाशय पीठ की मांसपेशियों पर दबाव डालता है जिस कारण महिला को पीठ दर्द की शिकायत होने लगती है। इसकी वजह से भी कमर में दर्द हो सकता है। 

मुँह का स्वाद बदलना

प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण में यह भी एक आम लक्षण है जिस में मुंह का स्वाद अचानक से फीका होने लगता है। कई बार कुछ भी खाने का मन नहीं होता तो कई बार कुछ अलग चीज खाने की इच्छा होती है। ठीक उसी तरह से किसी खूशबू से जी मिचलाना या उस खुशबू से दिक्कत होने जैसे लक्षण भी नजर आते हैं।

सांस लेने में दिक्कत होना

प्रेगनेंसी के दौरान सांस फूलना एक आम समस्या है जो लगभग 75 प्रतिशत महिलाओं में  प्रेगनेंसी के दौरान देखि जा सकती हैं। इस दौरान, गर्भवती महिला में मेटरनल ब्लड वॉल्यूम 40 से 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। रक्त का बढ़ा हुआ यह स्तर ऊपरी वायुमार्ग को प्रभावित करता है, जिससे महिला को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।

प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण से सम्बंधित सवाल-जवाब

प्रेगनेंसी में पेट कब निकलता है?

जवाब :- यदि कोई महिला पहिली बार प्रेग्नेंट है तो ऐसी महिलाओं का पेट 12 से 16 हफ्ते के बीच नजर आने लगता है। वहीं यदि कोई महिला दूसरी बार मां बन रही तो ऐसी महिलाओं का पेट इससे जल्दी भी दिख सकता है।


गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद उल्टी होती है?

जवाब :- कुछ महिलाओं को गर्भ ठहरने के एक से दो महीने बाद उल्टियां होनी शुरू होती हैं तो कुछ महिलाओं में गर्भधारण करने के 10 से 15 दिन बाद से उल्टी की समस्या शुरू हो जाती है। महिला के शरीर में हार्मोनिक बदलाव के कारण उल्टी की समस्या उत्पन्न होती है।


प्रेगनेंसी में खाना क्यों नहीं अच्छा लगता?

जवाब :- प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में महिलाओं को अक्सर भूख की कमी की परेशानी होती है। इसकी बड़ी वजह हार्मोनल बदलाव की वजह से हुई मॉर्निंग सिकनेस होती है।


प्रेग्नेंट होने के कितने दिन बाद लक्षण दिखाई देते हैं?

जवाब :- प्रेगनेंसी कंसीव करने के 6 से 14 दिन बाद प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षण दिखने लगते हैं।


गर्भ में बच्चा कब हलचल करता है?

सबसे पहले शिशु की मूवमेंट प्रेग्‍नेंसी के 14वें हफ्ते से गर्भावस्‍था के 26वें हफ्ते के बीच महसूस होती है लेकिन 18वें हफ्ते से 22वें हफ्ते में इसके होने की संभावना अधिक होती है।


पीरियड के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है?

जवाब :- आपके पीरियड की अवधि समाप्त होने के बाद आप गर्भवती हो सकती हैं। पीरियड के 6 दिन पहले और 4 दिन बाद की अवधि को गर्भधारण की सबसे आदर्श अवधि माना जाता है।


गर्भ में बच्चे के अंदर कितने महीने में जान आती है?

जवाब :- प्रेगनेंसी के लगभग पांच महीने के आसपास शिशु गर्भ में मूव करना शुरू कर देता है। छह महीने का गर्भस्‍थ शिशु आवाज सुनने पर मूवमेंट या झटके वाली मूवमेंट करने लगता है जो कि शिशु को हिचकी आने का संकेत हो सकता है।


प्रेग्नेंसी कब से मानी जाती है?

जवाब :- औसतन प्रेगनेंसी पीरियड्स  कुल 40 हफ़्तों यानि 280 दिनों का होता है जिसकी शुरुआत आपके लास्ट माहवारी के पहले दिन से होती है। जिसे संक्षेप में इसे ”LMP” कहा जाता है।


ड्यू डेट की गणना कैसे की जाती है?

जवाब :- डॉक्टर आपके आखिरी पीरियड्स के पहले दिन से 280 दिन तक की गणना करके आपकी ड्यू डेट तय करते हैं. यह पूरी अवधि 40 हफ़्तों की होती है। आपकी ड्यू डेट केवल एक अनुमान मात्र होती है।


प्रेगनेंसी में पीरियड जैसा दर्द होना क्या है?

जवाब :- प्रेग्नेंसी के शुरुआती 3 महीनों में यानी 1 से 12 हफ्ते के दौरान पेट में हल्का दर्द होना सामान्य सी बात है, क्योंकि इस दौरान आपके शरीर के अंदर काफी बदलाव हो रहा होता है। आपका गर्भाशय फैलने लगता है, लिगामेंट्स स्ट्रेच होने लगते हैं, मॉर्निंग सिकनेस रहती है। इन सबकी वजह से थोड़ा बहुत पेट दर्द होना नॉर्मल है।


संबोधन

एक शिशु को जन्म देना एक माँ के लिए गर्व और ख़ुशी की बात होती है, और इस के लिए एक महिला कई तरह की पीड़ा और दर्द सहती भी है।आशा करते है हमारे द्वारा प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण pregnancy ke shuruati lakshan के इस आर्टिकल में हमने आप के लिए pregnancy symptoms in hindi के सभी जरुरी बातों को सामने रखा है, जिस से पहिली बार प्रेग्नेंट होनेवाली महिलाओं के लिए यह जानकारी महत्वपूर्ण साबित होगी। 

 

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