एक नवविवाहिता के लिए प्रेगनेंसी का सफ़र काफी उत्साह भरा होता है लेकिन साथ ही तनाव् भरा भी होता है। शादी के बाद प्रेगनेंसी को लेकर के लड़कियों और महिलाओं के दिमाग में बहुत सारे सवाल चलते रहते हैं। प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलता है? या वह प्रेग्नेंट हुई या नहीं हुई? यानी की प्रेगनेंसी का पता कैसे लगाएं? और यह बात दिमाग में घूमती रहती है कि प्रेगनेंसी का पता कितने दिन में चलता है । आज हम इस आर्टिकल में इन सभी सवालों के जवाब जानेंगे । साथ ही यह भी जानेंगे के गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है?
प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलता है
प्रेगनेंसी का 7 दिन बाद में पता चलता है। यदि आप 7 दिन से पहले प्रेगनेंसी किट से प्रेगनेंसी का पता लगाते हैं और आप गर्भवती हैं तो भी आपकी रिपोर्ट नेगेटिव आएगी । यदि आप प्रेगनेंसी का सही से पता लगाना चाहते हैं तब आप 7 दिन बाद में प्रेगनेंसी किट के जरिए प्रेगनेंसी का पता लगा सकते हैं।
7 दिन के बाद में आप कभी भी प्रेगनेंसी का पता लगाने के लिए या तो डॉक्टर से संपर्क कर सकते हो या फिर मार्केट में अवेलेबल प्रेगनेंसी किट का प्रयोग करके प्रेगनेंसी का पता लगा सकते हैं। या फिर कुछ घरेलु उपायों से भी आपको प्रेगनेंसी का पता चलेगा।
अक्सर लोग प्रेगनेंसी की जांच ये पता लगाने के लिए करते हैं कि कितने दिनों में प्रेगनेंसी का पता चलेगा। हालांकि कई बार दूसरे कारणों के होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि प्रेगनेंसी की आसानी से जांच की जा सकती है। इसे जांचने के कई उपाय उपलब्ध हैं। यहाँ तक की बाजार में कई तरह के प्रेगनेंसी कीट भी उपलब्ध हैं जो कि आसानी से आपको इसकी जानकारी दे सकते हैं।
जानें प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलता है और इसे कितने तरीको से चेक किया जा सकता है।
आइए इस लेख के माध्यम से हम ये जानें कि प्रेगनेंसी का पता कितने दिनों में और किन-किन तरीकों से लगा सकते हैं।
यूरिन से करें पता
ये भी एक बेहद आसन तरीका है। इसमें आपको एक छोटी सी कटोरी या डिबिया लेनी है। इसक कटोरी या डिबिया में आपको अपना मूत्र (यूरिन) भरकर 3-4 घंटों के लिए छोड़ देना है। ध्यान रहे डिबिया को हिलाना-डुलाना बिलकुल नहीं है. इसके बाद यदि पेशाब की सतह पर सफ़ेद रंग की एक पतली सतह बनती है तो समझिए कि आप गर्भ से हैं। लेकिन यदि पेशाब की सतह पर कोई परत नहीं है तो सझिए कि आप प्रेगनेंट नहीं हैं।
गेहूं और जौ
यह एक परम्परागत तरीका है। इसमें प्रेगनेंसी जांचने के लिए आपको जौ और गेहूं का इस्तेमाल करना पड़ता है. कहा जाता है कि मुट्ठी भर जौ और गेहूं के दाने लेकर उनपर पेशाब करना होता है। उनपर पेशाब करने से यदि वो अंकुरित हो जाते हैं तो समझिए कि आप गर्भवती हैं। लेकिन यदि दोनों में से कोई भी अंकुरित नहीं होता है तो समझिए कि आप प्रेग्नेंट नहीं हैं।
सफ़ेद सिरका
सफ़ेद सिरके की सहायता से भी आप अपनी प्रेगनेंसी की जांच कर सकती हैं। जाहिर है ये भी एक आसान तरीका है। इसमें आपको एक कटोरी में आधा कप सफेद सिरका लेना है और इसमें आधा कप सुबह का सफ़ेद मूत्र डालना है. इसके बाद इसका निरिक्षण करना है। इसमें देखना ये है कि इसका रंग बदलता है या नहीं. यदि रंग बदल जाता है तो आप प्रेग्नेंट हैं लेकिन यदि नहीं बदलता है तो इसका मतलब है कि आप गर्भ से नहीं हैं।
सरसों से जांचें
आसानी से सबके घरों में उपलब्ध सरसों को पीरियड्स शुरू करने का एक कारगर नुस्खा माना जाता है। इसके लिए आपको करना बस इतना है कि एक टब में दो कप सरसों के बीज का पाउडर मिला लीजिए। फिर इस टब में कुछ देर तक अपना गर्दन डूबा कर रखिए। ध्यान रहे कि बर्दाश्त करने भर ही, इसके बाद गर्म पानी से स्नान कर लीजिए। ऐसा करने के एक या दो दिन में पीरियड्स फिर से शुरू हो जाए तो समझिए कि आप प्रेग्नेंट नहीं हैं और यदि दो हफ्ते तक भी पीरियड्स शुरू नहीं हुए तो समझिए कि आप गर्भ से हैं।
चीनी से करें जांच
जाहिर है कि चीनी भी बहुत आसानी से सबके घरों में उपलब्ध है। चीनी की सहायता से प्रेगनेंसी जांचने के लिए सुबह का पहला मूत्र तीन चम्मच लें और फिर इसे कटोरी में रखी एक चम्मच चीनी पर डालें. फिर कुछ देर तक इसका निरीक्षण करें। यदि चीनी कुछ समय बाद घुल जाती है तो आप प्रेग्नेंट नहीं हैं लेकिन जब नहीं घुले तो समझ जाइए कि आप गर्भवती हैं। इसके पीछे का लॉजिक ये है कि प्रेग्नेंट होने पर जो हार्मोन निकलता है वो वो चीनी को घुलने से रोकता है।
टूथपेस्ट भी होती है प्रेगनेंसी जांच
रोजाना इस्तेमाल होने वाला टूथपेस्ट भी आपके गर्भ की जांच कर सकता है। लेकिन इसमें एक बात का जरुर ध्यान रखना है कि टूथपेस्ट का रंग सफेद हो। यानी कि कोलगेट या पेप्सोडेंट जैसा। क्लोजप या मैक्स फ्रेश जेल नहीं चलेगा। आपको इस टूथपेस्ट को एक डिब्बी में डालना है और उसमें थोड़ी सी अपने पेशाब डालें। इसके कुछ घंटे बाद इसे देखें कि इसका रंग बदलता है या इसमें झाग बनता है या नहीं? यदि इसका जवाब हाँ में है तो आप गर्भवती हैं और यदि नहीं में है तो आप गर्भवती नहीं हैं।
ब्लीच से जांच
ब्लीचिंग पाउडर के प्रयोग से भी प्रेगनेंसी को जांचा जा सकता है। इसके लिए आपको सुबह का अपना पहला मूत्र एक कटोरी में लेना है। इसके बाद इसमें थोड़ा सा ब्लीचिंग पाउडर मिलाना है। फिर इसका निरिक्षण कीजिए। यदि इसमें से बुलबुले उठते हैं या झाग बनती है तो समझिए कि आप प्रेग्नेंट हैं लेकिन यदि ऐसा कुछ नहीं होता है तो आप प्रेग्नेंट नहीं हैं।
गुप्तांग का रंग देखकर
प्रेगनेंसी को जांचने का एक और भी आसान तरीका है। इसके अनुसार आपको अपने गुप्तांग का रंग देखना है. यदि आपके गुप्तांग का रंग गहरा नीला या बैंगनी लाल है तो इसका मतलब ये हुआ कि आप गर्भवती हैं। इसका कारण ये है कि गर्भ के दौरान खून का दौरा तेज हो जाता है। लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो चिंता करने की कोई बात नहीं है।
प्रेगनेंसी किट
हलांकि सबसे बेहतर उपाय यही है कि आप बाजार से प्रेगनेंसी किट ले आएं और उसकी सहायता से ही जांच करें। इसकी कीमत भी कोई बहुत ज्यादा नहीं होती है। इसका परिणाम सबसे ज्यादा विश्वसनीय है।
यदि आप प्रेगनेंसी का पता प्रेगनेंसी किट से नहीं लगाना चाहते हो और आप काफी समय तक रुक सकते हो तब आपके पास प्रेगनेंसी का पता लगाने का दूसरा तरीका प्रेगनेंसी के लक्षण होते हैं । इसके लिए आपको काफी समय का वेट करना होगा । प्रेगनेंसी के लक्षणों के आधार पर प्रेगनेंसी का पता लगा सकते हैं ।
प्रेगनेंसी के लक्षण कौन-कौन से होते हैं ?
आइए अब प्रेगनेंसी के लक्षण यानी कि सिम्टम्स के बारे में जानते हैं । यानी कि जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तब उन्हें कौन-कौन से लक्षण नजर आते हैं जिनसे यह पता चलता है कि महिला प्रेग्नेंट है और उनके गर्भ में बच्चा है । यानी कि महिला का गर्भ ठहर गया है ।
महिला के गर्भ ठहरने का पता प्रेगनेंसी के लक्षणों के आधार पर भी लगाया जा सकता है । महिला के कुछ शारीरिक लक्षण यह बताते हैं कि महिला प्रेग्नेंट यानी कि गर्भवती है या नहीं हैं । इन्हीं लक्षणों से प्रेग्नेंट महिला का पता बड़ी आसानी से चल जाता है ।
प्रेगनेंसी के लक्षण अलग-अलग महिलाओं में अलग-अलग रहते हैं । कुछ महिलाओं में प्रेगनेंसी के लक्षण जल्दी दिखाई देने लगते हैं तो कुछ महिलाओं की प्रेगनेंसी के लक्षण काफी दिनों बाद में दिखाई देने लगते हैं ।
- यदि महिला को बहुत अधिक थकान होने लगती है । यदि कोई महिला कोई भी शारीरिक परिश्रम नहीं करती है फिर भी उन्हें बहुत अधिक थकान महसूस होती है , तब यह समझना चाहिए कि महिला प्रेग्नेंट है और यह प्रेगनेंसी का ही लक्षण है ।
- कुछ महिलाओं में प्रेगनेंसी होने के शुरुआती दिनों में ब्रेस्ट में दर्द होता है । जब महिला अपने ब्रेस्ट को हाथ लगाती है तब उसे दर्द का अनुभव होता है । यह भी एक प्रेगनेंसी का ही लक्षण है ।
- प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों में जी मिचलाना भी शामिल है । यदि किसी महिला का शारीरिक संबंध के बाद जी मिचलाने की शिकायत रहती हो तो वह महिला प्रेग्नेंट यानी कि गर्भवती होती है ।
- यदि महिला ने बच्चे के लिए शारीरिक संबंध बनाए हैं और संबंध बनाने के कुछ ही दिनों बाद में उल्टी होने की शिकायत रहती है और बार-बार उल्टी करने का मन करता है तब भी महिला प्रेग्नेंट होती है और यह प्रेगनेंसी के ही लक्षण है ।
- प्रेगनेंसी के लिए बनाए गए संबंध के पश्चात यदि महिलाओं के सिर में दर्द रहने लगता है तो भी यह प्रेगनेंसी का ही लक्षण है । यदि महिला को सिर दर्द की बीमारी नहीं हो और शारीरिक संबंध के बाद सिर दर्द हो रहा हो तो यह प्रेगनेंसी का ही संकेत है।
- प्रेगनेंसी के दौरान कुछ महिलाओं को पैरों में सूजन की शिकायत रह सकती है । यदि प्रेगनेंसी के शुरुआती दिन हो तो कभी कबार पैरों में सूजन आ जाती है तो भी यह प्रेगनेंसी का ही लक्षण है।
- प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण के रूप में शुरुआती दिनों में कभी कबार महिलाओं को पेट में और कमर के निचले हिस्से में ऐंठन की शिकायत हो सकती है ।
सम्बन्धित सवाल – FAQ
सवाल : प्रेगनेंसी टेस्ट कब करें ?
पीरियड्स मिस होने के एक हफ्ते बाद । बहुत सारी महिलाओं के दिमाग में यह सवाल घूमता रहता है कि प्रेगनेंसी टेस्ट कब करें और प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए तो इसका सही जवाब यह है कि प्रेगनेंसी टेस्ट पीरियड मिस होने के एक हफ्ते बाद करें । प्रेगनेंसी टेस्ट पीरियड मिस होने के 7 दिन बाद करना चाहिए ।
यदि किसी महिला का पीरियड मिस हो जाता है तब उसके 7 दिन बाद आप प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकते हो । इससे आपको रिजल्ट पॉजिटिव आने की संभावना रहेगी । इसलिए अब जब भी आप प्रेगनेंसी टेस्ट करें तो प्रेगनेंसी के 7 दिन बाद ही करें। 7 दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करने का सही समय होता है ।
सवाल : गर्भपात के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए ?
गर्भपात के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट: यदि आपने प्रेगनेंसी को रोकने के लिए , गर्भपात करने के लिए या फिर मिसकैरेज के लिए अनवांटेड किट या गर्भपात की गोली का सेवन किया है और अब आप यह चाहते हैं की गर्भ में बच्चा है या नहीं । यानी कि आप प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहते हैं तो आपको 1 महीने बाद में प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए ।
सवाल : गर्भपात के बाद दुबारा प्रेगनेंसी के लिए सही समय क्या हैं?
यदि गर्भपात के बाद आप दोबारा से प्रेगनेंट होना चाहते हो और दोबारा गर्भधान करना चाहते हो तब गर्भपात के करीब 6 महीने बाद ही दोबारा गर्भ धारण करना चाहिए । क्योंकि पुराने गर्भपात को रिकवर होने में करीब 6 महीने का समय लग जाता है ।
सवाल : पीरियड मिस होने के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करे?
पीरियड मिस होने के कितने दिन बाद में प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए या फिर पीरियड मिस होने के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करने का सही समय होता है । पीरियड मिस होने के 7 दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करने का सही समय होता है । यदि पीरियड मिस होने के 7 दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करते हैं तब आप की रिपोर्ट सही आती है , नहीं तो आपको गलत रिपोर्ट भी मिल सकती है ।
सवाल : गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है ?
गर्भ ठहरने के 7 दिन बाद पता चल जाता है कि गर्भ ठहरा है या नहीं । यदि गर्भ ठहरा है तो गर्भवती महिला के शरीर में प्रेगनेंसी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं और यदि प्रेगनेंसी के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं तो समझ जाइए कि गर्भ नहीं ठहरा है।
संबोधन
प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलता है? के इस आर्टिकल में हम ने आप को इस सवाल के साथ प्रेगनेंसी के लक्षणों को भी बताया है। साथ ही कुछ आसान घरेलु उपायों से आप घरपर ही परिक्षण कर यह सुनिश्चित कर सकते है की आप प्रेग्नेंट है या नही। लेकिन यदि आप घर पर यह सुनिश्चित नही कर पा रहे है की आप प्रेग्नेंट है या नही तो आप के लिए आवश्यक है की आप हॉस्पिटल जाकर अच्छे डॉक्टर्स के जरियें अपनी Pregnancy Test करवाएं।
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