बच्चों के दिमागी विकास का रखें खयाल। जानिए, बच्चों से जुड़ी 7 Important बातें।
आज के इस topic में हम बच्चों के दिमागी विकास ( brain development) के बारे में जानेंगे। बच्चों के दिमागी विकास के तरीकों को समझेंगे। कुछ tips भी इस article में सांझा करेंगे। ताकि वह tips आप fallow कर सके। कुछ पोषक आहार की भी बात करेंगे जिसे बच्चों के दिमागी विकास में मदद मिल सके।
बच्चों के दिमागी विकास की प्रक्रिया का आरंभ जन्म से पूर्व याने मां के पेट से ही शुरू हो जाती है। इसलिए हर मां को pregnency के दौरान कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है। जिसे उनके बच्चे का दिमागी विकास सही तरीकों से हो पाए। और कुछ बातों का ध्यान बच्चे के जन्म के बाद रखना होता है। जिसे बच्चों के दिमाग विकास प्रक्रिया को सही दिशा मिल सकें।
बच्चों के दिमागी विकास का रखें खयाल |
Pregnancy के दौरान रखे इन बातों का खयाल।
Pregnancy के दौरान हर मां को लगता है कि उनका बच्चा शारीरिक और दिमागी तौर पर सक्षम हो। उनके लिए यह जानना अति आवश्यक है कि गर्भ में कब बच्चों के दिमागी विकास प्रक्रिया का आरंभ होता है? और उस दौरान उन्हें कौन कौन से पोषक आहार को अपनाना चाहिए? जिसे मानसिक तौर पर सक्षम बच्चे को वह जन्म दे सकें।
गर्भ में शिशु का मानसिक विकास।
गर्भ में पल रहे शिशु का दिमागी विकास सातवें और आठवें सप्ताह के बीच शुरू हो जाता है। गर्भावस्था के शुरवात के तीन महीनों मे शिशु में nervous system (तंत्रिका तंत्र) का बनाना शुरू हो जाता है। जिस मे करोड़ों की संख्या में neurons जुड़ने लगते है। (जो अलग अलग संवेदनाएं मस्तिष्क की ओर भेजते है) और इसका काफ़ी तेजी से विकास होना शुरू हो जाता है। इस तरह से जैसे जैसे आपकी गर्भावस्था आगे बढ़ती है। वैसे गर्भ में शिशु के शारीरिक विकास के साथ साथ बच्चों के दिमागी विकास का भी आरंभ जाता है।
जब आप pregnancy के सोलवें सप्ताह में पहुंच जाते है याने गर्भावस्था के चौथे महीने में पहुंच जाते है तब गर्भ के भीतर आपका शिशु हल्का फुल्का movment भी शुरू कर देता है। लेकिन यह movment इतना ज्यादा हल्का होता है कि जो महिलाएं पहीली बार pregnent हुई है वह इस मूवमेंट को नहीं समझ सकती।
और जब आप बीसवें सप्ताह में पहुंच जाती है याने गर्भावस्था के पांचवें महीने में पहुंच जाती हैं तब शिशु का शारीरिक और मानसिक विकास ज्यादा हो जाता है। गर्भावस्था के पांचवें महीने में शिशु का दिमागी विकास बाहरी बातों को ग्रहण करने में सक्षम हो जाता है। इसलिए बाहरी बातों से react होकर गर्भ में शिशु cick भी करता है जो एक मां अच्छे से महसूस कर सकती है।
Pregnancy के दौरान महिलाओं को पौष्टिक आहार लेना जरूरी है।
pregnancy के दौरान महिलाओं को पौष्टिक आहार लेना जरुरी है जिस से उनके शरीर में folic acid, calcium vitamins, irons, minerals की कमी न हो जो गर्भ में पल रहे शिशु शारीरिक और मानसिक विकास के लिए काफ़ी जरूरी है।
गर्भावस्था के तीसरे महीने से आप अपने भोजन में प्रोटीन युक्त पदार्थो को शामिल करें।
- इस दौरान आप को चाहिए कि रोजाना कम से कम दो मौसमी फलों का सेवन करें।
- रोजाना थोड़े dry foods लें जिस में बादाम और अक्रोड को जरूर शामिल करें।(इस से शिशु का brain development काफी तेज़ी से होता है)
- रोजाना सुबह शाम एक ग्लास दूध अवश्य लें।
- इसके अलावा हरी साग सब्जी, मछली, अंडा, डाल, दही, लस्सी, पनीर अपने आहार मे जरूर शामिल करें।
- अंकुरित अनाज और ताजे फलों का रस भी अपने दैनंदिन आहार में शामिल करें।
- किसी भी प्रकार के ड्रग्स, अल्कोहल और स्मोकिंग का सेवन नहीं करना चाहिए। जिस से बच्चों के दिमागी विकास में बाधाए उत्पन्न होती है। या शायद आप विकलांग शिशु को जन्म दे सकती है।
बच्चों के दिमागी विकास की प्रक्रिया
Pregnancy के पहले ही जब बच्चा पेट मे होता है, उसकी दिमागी विकास की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। सुनना, महसूस करना उसपर react होना ऐसी काफी चीजें बच्चे मि जन्म के पूर्व ही विकसित होना शुरू हो जाती है। बच्चे के जन्म के बाद बच्चे की nervous system काफी एक्टिव हो जाती है। जिस मे आवाजें सुनना और उसपर react होना। स्पर्श का एहसास होना। चेहरों को पहचानना। भुक लगने पर रोना। ऐसे कई बाते बच्चे सीखते है। बस हमें सही तरीकों से बच्चे के साथ react होना होता है। जिसे बच्चे का दिमागी विकास अच्छे से हो सकें। और बच्चे एक एक चीज को सही ढंग से सीख सके।
जन्म से 6 माह के बच्चे कहीं तरह से चीज़ो को समझने की कोशिश करते है। और हमें भी उनकी समझने की कोशिश को बढ़ावा देना होता है। जैसे बच्चे के सामने खिलौनों को move on करना। कई parents ऐसे बच्चों को बढ़ावा देते भी है लेकिन उन्हें यह पता ही नहीं होता की वास्तव में बच्चों के दिमागी विकास से जुड़ी है। अगर माता पिता को सही तरह से पता हो की क्या क्या बातें या चीजें है जो बच्चों के दिमागी विकास से जुड़ी है तो हर parents उन चीजों में ज्यादा intrest ले सकते है। इसलिए parents को यह जानना आवश्यक है।
7 ऐसी बातें जो बच्चों के दिमागी विकास से है जुड़ी।
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- बच्चों को गाना सुनाए
- या हल्का music सुनाए। Music के rydm को बच्चे का brain जल्दी एडॉप्ट करता है और उसे respond करता है।। जिस से उसका brain strong होने में काफी मदद मिलती है। कई सारे parents ऐसा करते भी है। लेकिन इस से बच्चे का brain develop हो रहा है इस बात को वह नहीं जानते।
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- बच्चों के साथ खेलें
- दूसरी बात बच्चों के साथ उनकी toy से खेलना। जो लगभग सभी parents करते ही है पर उन्हे शायद यह पता नहीं होता कि इस बात से बच्चों के दिमागी विकास को बढ़ावा मिलता है। लेकिन यकीनन इस बात से बच्चे का brain develop होने में मदद मिलती है। जब हम बच्चे के साथ उसके toy से खेलते है तब बच्चा toy की movment और colours पर ध्यान देता है। (जन्म के वक्त बच्चा सिर्फ black and white कलर्स ही समझता है। जन्म के बाद बच्चा black और white के अलावा red कलर्स को जल्दी और अच्छे से समझता है।)
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- बच्चों के साथ खिलखिला कर हंसिए
- तीसरी जो बात है वह है बच्चे के साथ खिलखिलाने हसना। जाभी हम smile करते है या हंसते है तब हमारे अंदर की खुशी महसूस होती है। और smile करना बच्चों को सीखना नहीं पड़ता। Smile करना एक human being एक nature है। जो अपने आप develope होता है। जब बच्चा पेट मे होता है। तब भी वह smile करता है। बच्चों के दिमागी विकास प्रक्रिया की यह एक महत्वपूर्ण बात है । जब बच्चा या हम खिलखिलाकर हसते है तब हमारे nervous system में जो endorphins secrete होते है वह brain को develope करने में काफ़ी ज्यादा help करते है।
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- बच्चे को स्पर्श का ज्ञान कराए
- Body touch therepy का काफी ज्यादा महत्व बच्चों के दिमागी विकास के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए भी अनिवार्य है। मां का स्पर्श बच्चा भलीभांति जनता है और पहचानता भी है। जिसे उसे अहसास होता है। जिसे बच्चे के brain को विकसित होने में मदद मिलती है। जब भी बच्चे की मालिश करें तो यह ध्यान रखें कि बच्चे की मां ही बच्चे की मालिश करें। जिसे बच्चे को अहसास और भावनाओं को पहचानने में आसानी होती है।
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- बच्चों के साथ dance करें।
- पांचवा तारिका है बच्चों के साथ मस्ती भरे अंदाज में dance करें। कितना भी छोटा baby हो या थोड़ा बड़ा आप गोदी में उठाकर भी बच्चे के साथ मस्ती भरे अंदाज में बच्चे को हिला डुला कर dance कर सकते हो। जब हम बच्चे को गोदी में उठाकर dance करते है। उस वक्त बच्चा अंदरुनी खुशी को महसूस करता है। जिस से उसके nervous system में जो endorphins secrete होते है वह active होते है जिसे बच्चों के दिमागी विकास पर काफी अच्छा असर पड़ता है।
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- बच्चे के nutrition पर ध्यान रखें
- बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पोषण की आवश्यकता होती है। जिसे बच्चे की health अच्छी रहती है और बच्चों के दिमागी विकास पर भी उसका काफी अच्छा असर पड़ता है। चाहे बच्चा breast feeding कर रहा हो या ऊपर का खाना खा रहा हो। हमें बच्चों के nutrition पर ध्यान जरूर देना है।
- बच्चे को tummy time देना है जरूरी
- आप सोचेंगे tummy time और बच्चों के दिमागी विकास में क्या जुड़ाव हो सकता है? तो आप यह समझ लीजिए। यह शारीरिक विकास के लिए जितना जरूरी है उतना ही मानसिक विकास के लिए भी जरूरी है। बच्चे को tummy time देने से बच्चे की strength बढ़ती है। उसका vision develope होता है। जी से मानसिक तौर पर भी बच्चा विकसित होता है। इसलिए बच्चे को tummy time देना जरूरी है।
बच्चों के दिमागी विकास के लिए जरूरी है पोषक आहार।
जन्म से लेकर 5 वर्ष तक बच्चे का brain पूरी तरह विकसित हो जाता है। बच्चे के दिमाग को तेज बनाने के लिए बच्चे को सही तरह से पोषक तत्व मिलना जरूरी है। इसलिए बच्चों के दिमागी विकास के लिए बच्चे के लिए पोषक आहार का होना जरूरी है।
आइए जानते है ऐसे कौन से खाद्य पदार्थ है जिस से आपके बच्चों के दिमागी विकास को बढ़ावा मिलता है।
हरी सब्जियां
बच्चों के दिमागी विकास के लिए बच्चों को हरी और पत्तीदार सब्जियां खिलाएं। बच्चे के जन्म के 6 माह के उपरांत आप बच्चे को ऊपरी खाना और ठोस आहार दे सकते है। इसलिए बच्चे को आप 6 माह के उपरांत हरी सब्जियां खिला सकते है। हरी और पत्तीदार सब्जियों में omega 3 fatty acid पाया जाता है। जो बच्चों के दिमागी विकास के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अक्रोड़ और अन्य dry foods
अक्रोड खाने से दिमाग तेज होता है। इसे आप सुबह के नाश्ते के तौर पर अपने बच्चे को खिला सकते है। अक्रोडमें omega 3 fatty acid के साथ साथ फायबर, vitamin B, magnesium के साथ antioxidant अधिक मात्रा में होते है। अक्रोड के साथ आप बच्चे को अन्य dry foods भी दे सकते है जैसे बादाम, किसमिस भी आप बच्चे को दे सकते है।
Fish (मछली)
अगर आप चाहते है तो बच्चे के 9 माह के उपरांत बच्चे को समुद्री fish (मछली) खिला सकतें हैं। बच्चे के दिमाग के पूर्ण विकास के लिए समुद्री मछली का सेवन अच्छा माना जाता है। समुद्री मछली में omega 3 fatty acid प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है। Pregnancy के दौरान मां के समुद्री मछली सेवन करने से बच्चों के दिमागी विकास को काफ़ी हद तक मदद मिलती है।
दूध और दही
बच्चों के दिमागी विकास के लिए दूध और दही भी बहुत जरूरी है। दही दिमाग के cells को काफ़ी लचीला बनाता है और nervous system की क्षमता को बढ़ाता है। fats free दूध और दही में protein, vitamin D और phosphorus काफी अधिक मात्रा मे पाया जाता है। जो दिमाग केे लिए जरूरी है। इसलिए अपने बच्चे को दूध और दही ज्यादा से ज्यादा खिलाएं।
तिल और तिल का तेल
तिल काफ़ी गुणकारी होता है। बच्चों के लिए ही नहीं तो बड़ों के लिए भी तिल का सेवन काफी फायदेमंद होता है। तिल में proteins, calcium और B complex की मात्रा अधिक होती है। जो मानसिक स्थिति को नियंत्रित रख कर दिमाग को तेज बनाने में काफी मददगार साबित होता है। तिल का तेल बुद्धि वर्धक होता है। तिल का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
बच्चों को क्या नहीं खिलाना चाहिए।
बच्चों को क्या नहीं खिलाना चाहिए इस बात को भी जानना जरूरी है। क्यों की ज्यादा तर parents अपने बच्चों को ऐसी चीजे या आहार दे देते जो बच्चों के लिए , उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए काफ़ी harmful साबित हो सकता है।
Fast foods और junk foods
बच्चों को fast food और junk food कभी भी मत दीजिए। यह शारीरिक तथा मानसिक विकास के लिए harmful साबित हो सकते हैं। इसमें दिमागी विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व नहीं होते।
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