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प्रोटीन की कमी से बच्चों को होती है यह खतरनाक बीमारियाँ! ऐसे बढ़ाएं बच्चों में प्रोटीन की मात्रा!!

बच्चों में प्रोटीन की कमी से क्या होता है?

प्रोटीन क्या है? प्रोटीन बच्चों के लिए क्यों आवश्यक है? बच्चों में प्रोटीन की कमी से क्या होता है? बच्चों में प्रोटीन की कमी से होनेवाले रोग कौन से है? हम बच्चों को प्रोटीन युक्त आहार कैसे दे सकते है? इन सभी प्रश्नों को समझकर उनके समाधान की चर्चा इस आर्टिकल में करेंगे।

 

प्रोटीन की कमी

प्रोटीन क्या है?

बच्चों तथा बड़ों के शारीरिक संरचना के विकास के लिए तथा मानसिक सक्षमता के लिए बहुत जरूरी पोषक तत्व है। प्रोटीन human body का एक महत्वपूर्ण घटक है जो हमारे शरीर में रक्त कोशिकाओं, हड्डियों, हार्मोन आदि में पाया जाता है। शारीरिक संरचना एवं शारीरिक और मानसिक विकास के लिए प्रोटीन एक जरूरी पोषक तत्व हैं।

प्रोटीन में कार्बन, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन के साथ सल्फर, फोस्फारस, आयोडीन और irons भी पाया जाता है। प्रोटीन एक micro nutrients है जो हमारे शरीर में हमारे रक्त कोशिकाओं, हड्डियों तथा हार्मोन को नियमित कार्य के लिए इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है। हमारे संतुलित आहार में कुल callaries का 20 से 35 प्रतिशत हिस्सा प्रोटीन का होना जरूरी होता है। इस पर से हम हमारे शरीर में प्रोटीन की आवश्यकताओं को समझ सकते हैं। आगे जानते बच्चों में प्रोटीन की कमी से क्या होता है?

प्रोटीन बच्चों के लिए क्यों आवश्यक है।

बच्चों में प्रोटीन की कमी से क्या होता है या जानने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता को समझना जरूरी है। प्रोटीन बच्चों के लिए सब से ज्यादा आवश्यक होता है। गर्भावस्था के दौरान है शिशु में कोशिकाओं का विकास होना शुरू हो जाता है। और प्रोटीन कोशिकाओं का एक महत्वपूर्ण घटक है। जो कोशिकाओं को विकसित करने तथा कोशिकाओं के कार्य में मदद करता है। रक्त में हीमोग्लोबिन के कार्य को सुचारू रूप से होने के लिए भी प्रोटीन की आवश्यकता सबसे अधिक होती है। nervous system के सही ढंग से कार्य करने के लिए प्रोटीन सबसे जरूरी है।

बच्चों के शारीरिक विकास में प्रोटीन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बच्चों की हड्डियां, body organs , बाल, नाखून के विकास तथा बच्चों के हार्मोन के सही से कार्य करने के लिए भी प्रोटीन की सब से ज्यादा जरूरत बच्चों को होती है।

जब बच्चे प्रोटीन रिच फूड्स लेते है तब उनका शरीर इसे simple amino acid में बदल देता है। और amino acid बच्चों के brain power को boost करता है। इसलिए बच्चों को कुशाग्र तथा तल्लख बनाने के लिए भी प्रोटीन का सेवन ज्यादा helpful साबित होता है।

बच्चों में प्रोटीन के कमी के कारण।

  1. सब से पहला और महत्वपूर्ण कारण है कि नवजात शिशु को मां का पर्याप्त दूध ना मिल पाना यह बच्चों में प्रोटीन के कमी का एक मुख्य कारण होता है।
  2. बच्चों में होनेवाला संक्रमण जैसे बच्चों को सर्दी जुकाम होना या दस्त होना जैसी समस्याओं में भी बच्चों के प्रोटीन की कमी आ सकती है।
  3. यदि किसी कारण बच्चों के kidney में कोई इन्फेक्शन हो तो भी बच्चों में प्रोटीन की कमी हो सकती है

बच्चों में प्रोटीन की कमी से क्या होता है

अब जानते है कि बच्चों में प्रोटीन की कमी से क्या होता है? यह जानना बहुत आवश्यक है। बच्चों में प्रोटीन के कमी के कारण चिड़चिड़ापन देखा जा सकता है। बच्चों में उदासीनता का बढ़ना, किसी भी कार्य को देरी से करना, प्रोटीन की कमी के कारण बच्चों में शारीरिक विकास की गति धीमी हो जाती है। बच्चों की लंबाई नहीं बढ़ती। प्रोटीन की कमी से immunity power कम हो जाती है जिसे बच्चे बार बार संक्रमण की चपेट में आ कर बीमार पड़ते है।

प्रोटीन की कमी से बच्चों की मांसपेशियां और हड्डियां कमज़ोर हो जाती है जिसे वह टूटने का खतरा बढ़ जाता है। बच्चे का पेट फूलने जैसी समस्या प्रोटीन की कमी से हो जाती है। प्रोटीन की कमी से बच्चा कुपोषण का शिकार हो सकता है।

बच्चों में प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग

बच्चों के संतुलित आहार में सभी पोषक तत्वों का होना जरूरी है। लंबे समय से प्रोटीन की कमी बच्चों के कुपोषण का कारण होता है। जिस से बच्चों में कुपोषण के रोग जैसे सूखा रोग, क्वाशीओरकोर जैसी कई रोगों की संभावना होती है। आओ देखते है प्रोटीन की कमी से बच्चों में कौन कौन से रोग पाए जाते है।

  • प्रोटीन की कमी से बच्चों के सब से ज्यादा पाए जाने वाला रोग है सूखा रोग जिसे मरास्मस या rikets भी कहां जाता है।
  • प्रोटीन की कमी से बच्चों के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है। जी से एनीमिया जैसा राग होने का खतरा बढ़ता है। और बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म हो जाती है। जिस से बच्चे बार बार viral infection का शिकार होते है।
  • प्रोटीन की कमी से बच्चों को शुरू के दिनों में दस्त जैसी समस्या होकर क्वाशीओरकोर जैसी बीमारी होने का भी खतरा बना रहता है।

बच्चों को प्रोटीन युक्त आहार।

बच्चों में प्रोटीन की कमी से क्या होता है यह हमने जाना है। अब बच्चों के लिए प्रोटीन युक्त आहार क्या है? बच्चों को प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व से युक्त संतुलित आहार कैसे दे? यह जानते है।

एक नवजात शिशु को रोजाना 3 से 4 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। नवजात शिशु को पर्याप्त मात्रा में मां के दूध का सेवन कराना चाहिए। नवजात शिशु को प्रोटीन कि कमी होने का एक मुख्य कारण breast feed अच्छे से और पर्याप्त मात्रा में ना मिल पाना ही है। इसलिए अपने शिशु को एक या दो घंटे के भीतर breast feeding करानी चाहिए। जिसे उसे प्रतिदिन पर्याप्त मात्र मे प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व मिलते रहेंगे। जो शिशु के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी मदद करता है।

6 महीने के उपरांत आप के शिशु ने सॉलिड खाना शुरू कर दिया है तो आप अपने बच्चे को डाल का पानी, चावल का पानी, सेरेलक जैसे आहार दे सकते है। जिस मे पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मौजूद होता है।

अगर आप का शिशु एक साल या उस के ऊपर है तो आप नीचे दिए गए 10 प्रोटीन युक्त आहार दे सकते है जिस में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व मौजूद होते है जो आप के शिशु के मानसिक तथा शारीरिक विकास में काफ़ी मदद करते है।

10 प्रोटीन युक्त आहार।

दूध

कैल्शियम और प्रोटीन का सब से अच्छा स्त्रोत है दूध। दूध में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और कैल्शियम पाया जाता है। जो आप के शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सब से महत्वपूर्ण है। आप के शिशु की प्रोटीन की आवश्यकता को दूध से पूरा किया जा सकता हैं।


दाल

 किसी भी प्रकार की दाल। प्रोटीन के साथ एंटी ऑक्सीडेंट की अधिक मात्रा दाल में होती है। और खास बात यह है कि उबलने के बाद भी दाल में पाए जाने वाले पोषक तत्व की हानि नहीं होती।


सोया फूड्स

सोया फूड्स प्रोटीन और फाइबर का सब से बेहतरीन स्त्रोत है। सोया फूड्स में सब से अधिक प्रोटीन पाया जाता है। शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के लिए सोया फूड्स का सेवन काफी फायदेमंद साबित होता है।


अंडा

 प्रोटीन, विटामिन, खनिज और एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर अंडा इस धरती का प्रोटीन का बेहतरीन स्त्रोत माना जाता है। अंडे के सफेद भाग में लगभग शुद्ध प्रोटीन पाया जाता है।


बादाम

 अनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स, एंटी ऑक्सीडेंट, फाइबर के साथ प्रोटीन की अधिक मात्रा से बादाम एक शक्ति वर्धक खाद्य माना जाता है। अगर आप का शिशु सॉलिड फूड्स खाना शुरु कर रहा है तो आप अपने शिशु को बादाम का पाउडर बनाकर दूध में दे सकते है।


मछली

 ओमेगा थ्री फैटी एसिड्स के साथ कई तरह के विटामिन्स, खनिज और प्रचुर मात्रा में प्रोटीन का सब से बेहतरीन स्त्रोत है मछली।


गेंहू का आटा

 प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मैग्नेशियम, फास्फोरस, जिंक, आयरन के साथ विटामिन बी 1, बी 2, बी 3 का सब से अच्छा स्त्रोत है गेंहू का आटा। आप अपने बच्चे को गेहूं कि रोटी अवश्य खिलाए। जो आप के शिशु की प्रोटीन की जरूरत को पूरा करती है।


सब्जियां

आलू, पालक, मटर, शतावरी, गोभी जैसी सब्जियों मे भी प्रोटीन कि मात्रा अधिक होती है।


दही

 दही प्रोटीन का एक अच्छा साधन साबित हो सकता है। अपने बच्चों को रोजाना दही का सेवन कराना चाहिए। दही शरीर में प्रोटीन की हर कमी को पूरा करता है।


अंकुरित अनाज 

अंकुरित अनाज भी प्रोटीन का एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। एक कप अनुरीत अनाज से हमें 12 से 15 ग्राम प्रोटीन मिल सकता है।

 

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